Delhi Blast: आतंकी गतिविधियों में डॉक्टरों का जाल! NIA के इनपुट पर ATS का बड़ा एक्शन

दिल्ली में बड़े बम धमाके की साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें फरीदाबाद मॉड्यूल के जरिए डॉक्टरों का नेटवर्क सामने आया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ये केस सौंपा गया है, जिसने उत्तर प्रदेश ATS के साथ मिलकर जांच शुरू की है. कई संदिग्ध डॉक्टरों से पूछताछ हुई है, जिनके बयान आपत्तिजनक पाए गए हैं. इससे आतंकी गतिविधियों में डॉक्टरों की संलिप्तता का शक गहरा गया है.

NIA की जांच

फरीदाबाद मॉड्यूल के जरिए दिल्ली में प्रस्तावित बड़े बम धमाके की साजिश का खुलासा हुआ. इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है. यूपी ATS की ओर से शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की गई. इस दौरान 10 से अधिक डॉक्टरों से भी पूछताछ की गई. जिन डॉक्टरों से पूछताछ की गई, वे मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. आदिल के सीधे संपर्क में थे. बताया जा रहा है कि कुछ डॉक्टरों के बयान आपत्तिजनक भी लगे हैं. संभावना है कि अब जांच का दायरा और बढ़ा दिया जाए.

ATS की टीमें फिलहाल काफी सक्रिय हैं. ग्रेटर नोएडा, सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, बहराइच, अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर में गतिविधियां जारी हैं. इन सभी जगहों में से मुरादाबाद के तीन डॉक्टरों की गतिविधि विशेष रूप से शक के दायरे में है. इन डॉक्टरों को ATS मुख्यालय बुलाया गया.

बढ़ा शक का दायरा

ये तीनों डॉ. मुजम्मिल और डॉ. आदिल के संपर्क में थे. दिल्ली में प्रस्तावित धमाके की खबर के बाद इन्होंने अचानक अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए, जो शक की कड़ी को और मजबूत करता है. हैरान करने वाली बात है कि बीते महीने इन तीनों की लोकेशन फरीदाबाद में ट्रेस की गई थी, जब जैश का मॉड्यूल वहां काफी सक्रिय था.

दस्तावेज और गैजेट्स बरामद

इसके अलावा, यूपी ATS ने डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज के घर से कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी बरामद किए. इन सभी चीजों को NIA के हवाले कर दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, संभावना है कि NIA की एक विशेष टीम कुछ दिनों में यूपी आए और पूरे मामले की नए सिरे से जांच करे. फिलहाल लखनऊ में तैनात NIA अधिकारी ATS के साथ मिलकर इस घटना की गहन जांच कर रहे हैं.

इस तरह डॉक्टरों का नेटवर्क आतंकी गतिविधियों में पाए जाना काफी हैरान करने वाला है. ऐसे में कई सवाल भी उठते हैं. क्या ये मामला सिर्फ 10‑12 डॉक्टरों तक सीमित है, या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क मौजूद है? इन सभी पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है.