नोएडा से गुरुग्राम जाने में लगेंगे सिर्फ 45 मिनट, जानें कैसे होगा यह संभव

दिल्ली मेट्रो के फेज-5A को मंजूरी मिलने से नोएडा के लोगों को भी भरपूर फायदा होगा. इसके तहत बनने वाले मेट्रो कॉरिडोर के चलते अब नोएडा से गुरुग्राम तक की यात्रा में महज 45 मिनट लगेंगे.

दिल्ली मेट्रो के फेज 5A को मंजूरी से नोएडा को है ये फायदे Image Credit:

दिल्ली मेट्रो के फेज-5A को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. इस नए फेज के तहत मेट्रो के तीन नए रूट बनाए जाएंगे. इससे नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और दिल्ली एयरपोर्ट आपस में बेहतर तरीके से जुड़ जाएंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब लोगों को लंबा चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही सफर का समय भी काफी कम हो जाएगा. नोएडा वालों को भी इसका भरपूर फायदा होगा.

दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक फेज-5A के तहत प्रस्तावित सभी मेट्रो कॉरिडोर फेज-4 की गोल्डन लाइन विस्तार परियोजना से जुड़े हुए हैं. इन कॉरिडोर के बनने से नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम से दिल्ली एयरपोर्ट तक की कनेक्टिविटी पहले से कहीं ज्यादा आसान होगी. इसका सबसे ज्यादा फायदा नोएडा से गुरुग्राम आने-जाने वालों का होगा. वे इस सफर को महज 45 मिनट में ही पूरा कर लेंगे. फिलहाल, मेट्रो से गुरुग्राम जाने में नोएडा वालों को डेढ़ घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है.

65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा

23.622 किलोमीटर लंबी गोल्डन लाइन का करीब 65 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस रूट पर कुल 15 मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे है. एरोसिटी से एयरपोर्ट टर्मिनल-1 तक 2.3 किलोमीटर का भूमिगत कॉरिडोर प्रस्तावित है. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा.

एरोसिटी बनेगा बड़ा इंटरचेंज स्टेशन

फेज-5A के तहत एरोसिटी मेट्रो स्टेशन को एक बड़ा इंटरचेंज स्टेशन बनाया जाएगा .अभी एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर-21 और नई दिल्ली स्टेशन के बीच कोई बड़ा इंटरचेंज नहीं है. एरोसिटी इंटरचेंज बनने से दक्षिणी दिल्ली नोएडा,फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे इलाकों से एयरपोर्ट और दूसरी मेट्रो लाइनों तक पहुंच आसान हो जाएगी. साथ ही हौज खास जैसे भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर दबाव भी कम होगा.

कालिंदी कुंज से तुगलकाबाद तक एलिवेटेड कॉरिडोर

दूसरी ओर तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा. यह कॉरिडोर भी गोल्डन लाइन का हिस्सा होगा और फेज-4 के काम के साथ ही इसे पूरा करने की योजना है.टेंडर प्रक्रिया जल्दी पूरी होने पर इस रूट का काम तेजी से आगे बढ़ेगा.फेज-4 और फेज-5A की सभी परियोजनाएं पूरी होने के बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 475 किलोमीटर से बढ़कर 500 किलोमीटर से ज्यादा हो जाएगा. एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में मेट्रो की पहुंच होगी सड़कों पर ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों कम होंगे