यूपी के इस जिले में 41 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द! जानें क्या है वजह
गाजियाबाद यातायात पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 41,000 वाहनों के पंजीकरण रद्द करने की घोषणा की है. ये वाहन बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं. इन वाहनों पर 10 से अधिक चालान लंबित हैं. पहले चरण में 132 वाहनों की सूची परिवहन विभाग को भेज दी गई है.
गाजियाबाद की सड़कों पर दौड़ने वाले 41 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने वाला है. इन वाहनों द्वारा बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने को लेकर यह कार्रवाई की जाएगी. गाजियाबाद यातायात पुलिस ने 41,000 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की घोषणा की है. इन वाहनों पर 10 से अधिक चालान लंबित हैं. इनके मालिकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की लगातार अवहेलना की जा रही थी.
गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने साथ मिलकर इन वाहनों के पंजीकरण निरस्त करने का फैसला किया है. एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने बताया कि ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का प्लान तैयार है. पहले चरण में 132 वाहनों की सूची परिवहन विभाग को भेज दी गई है. साथ ही बाकी बचे वाहनों की लिस्ट तैयार की जा रहा है. इसमें प्राइवेट और कॉमर्शियल दोनों वाहन शामिल हैं.
इन वाहनों को ऑनलाइन चिंहित किया गया
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की इस कार्रवाई के बाद ये वाहन गाजियाबाद की सड़कों पर दिखने बंद हो जाएंगे. एडीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने बताया कि इन वाहनों को ऑनलाइन चिंहित किया गया है. एक से 15 जुलाई तक एक और अभियान चलाया जाएगा, जिसमें ऐसे प्राइवेट गाड़ियों पर कार्रवाई होगी जो कॉमर्शियल के तौर पर सड़कों पर दौड़ रही है और यातायात नियमों का उल्लंधन कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान का उद्देश्य सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करना है. जिन लोगों के वाहनों का चालान कटा है, उनके समय पर जुर्माना भरने और यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूकता पैदा करना है. ऑटो के अलावा कई ऐसे वाहन हैं, जिन पर कई बार जुर्माना लगने के बाद भी वे अनदेखी करते हैं. यातायात पुलिस ऐसे वाहनों को जब्त भी कर रही है.
चालान का पैसा राजस्व में नहीं पहुंच पाता है
एडीसीपी ट्रैफिक ने आगे बताया कि ऐसे वाहनों पर कई चालान है. ऐसे में लोग किसी अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट द्वारा उसे बहुत कम करा लेते हैं. और लंबे समय बाद उसका भुगतान कर देते हैं जिससे यातायात नियमों की अवेहलना होती है. इसके साथ ही जो अर्थ दंड यातायात पुलिस निर्धारित करती है वह भी राजस्व में नहीं पहुंच पाता है. इसलिए इनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा रहा है.