नकली देशों के फर्जी एंबेसडर के खिलाफ एक्शन में इंटरपोल, जारी हुआ ब्लू कॉर्नर नोटिस; खंगाली जाएगी पूरी क्राइम कुंडली

गाज़ियाबाद के कविनगर में नकली एंबेसी का संचालन करने के आरोप में पकड़े गए फ्राड एंबेसडर हर्षवर्धन के खिलाफ इंटरपोल ने जांच शुरू कर दी है. इंटरपोल ने आरोपी के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इधर, यूपी एसटीएफ़ की टीम ने आरोपी को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. अब यूपी एसटीएफ इंटरपोल की मदद से हर्षवर्धन के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क और बैंक खातों की जांच करेगी.

फर्जी एंबेसडर हर्षवर्धन जैन

गाजियाबाद के कविनगर में नकली देशों की फर्जी एंबेसी चला रहे फ्राड एंबेसडर हर्षवर्धन के खिलाफ अब इंटरपोल भी एक्शन में आ गया है. यूपी एसटीएफ के इनपुट पर इंटरपोल ने आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है. इसी के साथ इस जालसाज के दुनिया भर में फैले नेटवर्क, बैंक खातों एवं अन्य गतिविधियों की जांच शुरू हो गई है. इधर, यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने इस जालसाज को पांच दिन के कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी है. इस अर्जी पर सुनवाई सोमवार को होगी.

बता दें कि यूपी एसटीएफ की टीम ने बीते मंगलवार-बुधवार की रात आरोपी के गाजियाबाद स्थित ठिकाने पर दबिश दी थी. इस दौरान एसटीएफ ने आरोपी को अरेस्ट करते हुए उसके ठिकाने से 44 लाख 70 हजार की नगदी, चार लग्जरी गाड़ियों समेत अन्य संवेदनशील दस्तावेज बरामद किया थे. इस दबिश के दौरान पता चला कि आरोपी हर्षवर्धन दो स्वयंभू देशों का एडवाइजर बना बैठा है तो दो अन्य स्वयंभू देशों ने उसे अपना एंबेसडर नियुक्त कर रखा था.

विदेश मंत्रालय में नहीं थी एंबेसी की सूचना

आरोपी ने गाजियाबाद के कविनगर में किराए की कोठी लेकर उसी में अवैध तरीके से इन चारों देशों की एंबेसी खोल रखी थी. इस एंबेसी के बारे में आरोपी ने ना तो विदेश मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन तो दूर कोई सूचना तक नहीं दी थी. यहां तक कि इसने अपनी एंबेसी की सूचना लोकल पुलिस और प्रशासन को भी नहीं दिया था, बावजूद इसके यह अपनी चारो गाड़ियों पर राजनयिक नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर वीवीआईपी सुविधाओं को भोग रहा था.

चंद्रास्वामी से रहे हैं हर्षवर्धन के संबंध

जांच में पता चला कि आरोपी के संबंध तांत्रिक चंद्रास्वामी के साथ रहे थे. चंद्रास्वामी ने ही इसका परिचय अंतरराष्ट्रीय आर्म्स डीलर अदनान खरगोशी से कराया और फिर अदनान के जरिए ही यह दुबई के अहसान अली सैयद से मिला और अब अहसान के साथ ही मिलकर यह दुनिया भर में दलाली के धंधे को अंजाम दे रहा था. एसटीएफ के सीओ नोएडा राजकुमार मिश्रा के मुताबिक आरोपी की यूके, मॉरिशस, कैमन और यूएई में कई कंपनियों की जानकारी मिली है. इन कंपनियों में एहसान भी पार्टनर है. अब इंटरपोल की मदद से एसटीएफ आरोपी की पूरी क्राइम कुंडली खंगाल रही है.

स्विट्जरलैंड में हो चुकी है अहसान को सजा

एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक अहसान अली सैयद को पहले ही 25 मिलियन पाउंड की दलाली मामले में स्विट्जरलैंड की कोर्ट से साढ़े छह साल की सजा हो चुकी है. वहां की पुलिस मामले में हर्षवर्धन की संलितता की जांच कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक अब हर्षवर्धन को कस्टडी रिमांड पर लेकर मामले की जांच के दौरान अब तक मिले इनपुट का सत्यापन किया जाएगा. उससे पूछा जाएगा कि उसके नेटवर्क किन किन देशों में हैं और किन किन लोगों के साथ उसने ठगी किया है.