गाजियाबाद से BBA तो लंदन से MBA की पढ़ाई; पिता प्रतिष्ठित उद्योगपति; कौन है नकली राष्ट्र का फर्जी एंबेसडर हर्षवर्धन जैन?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में यूपी एसटीएफ की टीम ने नकली राष्ट्रों की फर्जी एंबेसी का खुलासा किया है. एसटीएफ ने फर्जी एंबेसडर हर्षवर्धन जैन को भी अरेस्ट कर लिया है. वह प्रसिद्ध उद्योगपति जेडी जैन का बेटा है. हर्षवर्धन दुबई में शेल कंपनियां बनाकर कई देशों में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर दलाली करता था. एसटीएफ की जांच में उसके तार कई देशों से जुड़े पाए गए हैं.

चार दिन की निगरानी के बाद यूपी एसटीएफ (नोएडा यूनिट) ने मंगलवार की देर रात आखिरकार नकली राष्ट्र के फर्जी एंबेसडर का भंडाफोड़ कर दिया. एसटीएफ ने इस जालसाज की पहचान गाजियाबाद के प्रतिष्ठित उद्योगपति और जैन रोलिंग मिल के मालिक जेडी जैन के बेटे हर्षवर्धन जैन के रूप में की है. 47 वर्षीय हर्ष वर्धन वेल क्वालिफाइड है. उसने गाजियाबाद से ही बीबीए की पढ़ाई की और फिर लंदन जाकर एमबीए किया. उसके पिता जेडी जैन का राजस्थान के बांसवाड़ा और काकरोली में मार्बल का बड़ा करोबार है.
हर्षवर्धन के लंदन से लौटने के बाद पिता चाहते थे कि वह राजस्थान का कारोबार संभाल ले. लेकिन उस समय तक हर्षवर्धन के मुंह खून लग चुका था. पहले तो उसने पिता का भरोसा बनाए रखने के लिए लंदन में मार्बल एक्सपोर्ट कराने में मदद की. लेकिन उन्हीं दिनों साल 2000 में यह कुख्यात तांत्रिक चंद्रास्वामी के संपर्क में आया. चंद्रास्वामी से उसकी मुलाकात ही उसके जीवन का टर्निंग पॉइंट था. चंद्रास्वामी के जरिए ही इसकी मुलाकात सउदी अरब के रहने वाले इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान खरगोशी से हुई.
2006 में दुबई चला गया था हर्षवर्धन
फिर चंद्रास्वामी के जरिए ही लंदन में इसकी मुलाकात हवाला कारोबारी एहसान अली सैयद से लंदन में हुई. एसटीएफ के एसएसपी सुशील घुले के मुताबिक एहसान और अदनान के कहने पर ही यह साल 2006 में दुबई के उमाल कुईन में बस गया था. वहीं पर उसने इब्राहिम अली बिन शारमा के साथ मिलकर कई शेल कंपनियां बनाई और विभिन्न देशों में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर दलाली का काम शुरू कर दिया था. इस काम के शुरूआत में ही उसे अच्छा पैसा मिलने लगा था.
2012 में गाजियाबाद लौटकर खोली एंबेसी
ऐसे में उसने कई स्वयंभू देशों से मिलकर उसने निजी एंबेंसी खोलने की योजना बनाई. इसी क्रम में साल 2012 में पहली उसे सेबोर्गा नामक स्वयंभू देश ने अपना अवैतनिक एंबेसडर नियुक्त किया था. बाद में इसने एक और स्वयंभू देश पॉलाबिया लोडोनिया का भी एंबेसडर बन बैठा. इसके बाद इसने भारत वापस लौटकर गाजियाबाद के कविनगर में एक किराए की कोठी लेकर अपना दलाली का धंधा शुरू कर दिया. एसटीएफ के एसएसपी सुशील घुले के मुताबिक अब तक की पूछताछ में इस जालसाज के तार कई देशों से जुड़े पाए गए हैं.



