‘यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ’, CM योगी बोले- हमें फिर से नहीं बंटना है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में आयोजित कार्यशाला में 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 'पंच प्रण' अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने गुलामी की मानसिकता को त्यागने, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने, और 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण पर ज़ोर दिया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश 2047′ पर मंथन किया गया. सीएम योगी ने इस दौरान’विकसित भारत’ के लिए ‘पंच प्रण’ अपनाने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण करना होगा.
मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ. हमें फिर से विभाजित नहीं होना है. विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए पंच प्रण लेना होगा. यह पंच प्रण गुलामी की मानसिकता को खत्म करना, अपनी विरासत को बचाना, 140 करोड़ भारतीयों में एकता, अपनी सेना पर गर्व करना और अपने अंदर की हीन भावना का त्याग करना है.
‘मेरा मानना है सब कार्य संभव हो सकता है’
मंच से अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि हमें शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या सुझाव हो सकते हैं उसे साझा करना होगा. हमें पिछले 5 वर्षों में क्या था अगले 5 वर्षों में क्या हो सकता है. उसके 10 वर्ष आगे और क्या हो सकता उसे देखकर कार्य करना होगा. हमें कैसे विकसित भारत की आधारशिला तैयार करनी है, उसे ध्यान में रखकर कार्य करना होगा.
उन्होंने कहा कि हमें पूरी भूमिका के साथ इस कार्य को आगे बढ़ाना है, मेरा यह मानना है कि सब कार्य संभव हो सकता है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में नेक्स्ट टारगेट तय किया है, कि हम 2029–30 में 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेंगे. हम जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं जो हम लोगों ने टारगेट तय किया था. उसे अचीव करते हुए आगे बढ़ रहें हैं, लगातार उसमें प्रगति है.
हर नागरिक को अपने कर्तव्यों को निभाना होगा
इस दौरान मंच से सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने 2022 में कहा था कि हम देश के आजादी के 75 वर्ष पूरा कर रहे हैं. आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहे है, लेकिन 2047 जब यह देश अपने आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा. उस समय बहुत सारे लोग नहीं होंगे. लेकिन जो पीढ़ी आएगी वह स्मरण कर सके कि हमारे पूर्वजों ने ऐसा भारत बनाया है.
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश को आजाद करने के लिए सब कुछ न्योछावर किया. उनका सपना था कि हमारा भारत दुनिया की ताकत बनें. इसलिए 2047 तक विकसित भारत के लिए हर नागरिक को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाना होगा. भारत की संस्कृति, परंपरा भाषा और इतिहास पर गर्व करना होगा. हमें फिर से बंटना नहीं है, जाति में विभाजन नहीं होने देना है.