मुरादाबाद में पीतल इंडस्ट्री तो शाहजहांपुर में कृषि यंत्र… गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे लिखेगा UP के विकास की इबारत
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा. यह एक्सप्रेसवे मुरादाबाद में पीतल उद्योग, शाहजहांपुर में कृषि यंत्रों और उर्वरक उद्योगों के लिए औद्योगिक गलियारा तैयार करेगा. इससे स्थानीय कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा, लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी. इसी के साथ यहां तैयार माल आसानी से हरियाणा, पंजाब, बिहार सहित कई राज्यों के बाजारों में सीधा पहुंच सकेगा.
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में बन रहे गोरखपुर पानीपत एक्सप्रेसवे राज्य के आर्थिक विकास की नई इबारत लिखेगा. इस प्रोजेक्ट में प्रस्तावित आर्थिक गलियारा देश ही नहीं दुनिया के बड़े औद्योगिक घरानों को भी आकर्षित करेगा. इस सड़क का अलाइनमेंट पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक गलियारे का खाका खींचने का काम शुरू कर दिया है. गुरुग्राम की तर्ज पर इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जाएगा. जहां ऑटो मोबाइल से लेकर पीतल इंडस्ट्री और अन्य एक्सपोर्ट उद्योग स्थापित करने की योजना है.
इस एक्सप्रेसवे के मुरादाबाद और रामपुर वाले हिस्से में पीतल उद्योग स्थापित करने की योजना है. कोरोना महामारी के बाद से ही यहां के कारीगर और उद्यमी आर्थिक मंदी और घटती मांग से चिंतित थे, लेकिन गोरखपुर पानीपत एक्सप्रेसवे में आर्थिक गलियारा बनने की खबर के बाद उनके चेहरे खिल उठे हैं. माना जा रहा है कि औद्योगिक गलियारों (Industrial Corridors) में मुरादाबाद और रामपुर के बीच पीतल इंडस्ट्री को विस्तार मिलेगा. स्थानीय कारोबारियों का मानना है कि यह एक्सप्रेसवे न केवल लॉजिस्टिक्स लागत कम करेगा, बल्कि घरेलू बाजार (देसी आइटम) में बिक्री को भी नई रफ्तार देगा.
सीधी कनेक्टिविटी से आसान होगा आयात-निर्यात
इस एक्सप्रेसवे के जरिए ना केवल दिल्ली-एनसीआर, बल्कि पूरा उत्तर भारत की कनेक्टिविटी मिलने वाली है. इससे कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल की निकासी सुगम होगी. पीतल कारोबारी सलमान अतीक के मुताबिक गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे मुरादाबाद और रामपुर के बीच के क्षेत्र को एक नए इंडस्ट्रियल हब में तब्दील कर सकता है. उन्हें उम्मीद है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बाजारों में सीधी पहुंच होगी. इससे देसी आइटम’ बनाने वाले छोटे कारीगरों को सीधा लाभ होगा.
शाहजहांपुर बनेगा कृषि यंत्रों का हब
माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में शाहजहांपुर में प्रस्तावित आर्थिक गलियारे में कृषि यंत्र बनाने वाले उद्योग लग सकते हैं. मिनी पंजाब के रूप में प्रतिष्ठित उत्तर प्रदेश का यह हिस्सा तराई क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इसमें पीलीभीत और बरेली जिले का भी कुछ हिस्सा शामिल होता है. इस क्षेत्र में रोजगार का मुख्य माध्यम खेती किसानी ही है. इसलिए सरकार की योजना भी इस क्षेत्र को कृषि यंत्रों का हब बनाने की है. इससे ना केवल शाहजहांपुर, बल्कि पीलीभीत, बरेली, लखीमपुर समेत नेपाल से सटे कई जिलों में आर्थिक विकास के रास्ते खुल जाएंगे. यहां राष्ट्रीय स्तर की अनाज मंडी भी स्थापित करने की योजना है. जहां देश भर से कारोबारी आकर किसानों के साथ सीधा डील कर सकेंगे.
उर्वरक इंडस्ट्री लगाने की योजना
एनएचएआई ने एक तरफ इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण और टेंडर का काम शुरू किया है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने शाहजहांपुर के पुवायां से शामली जिले के बीच उर्वरक इंडस्ट्री लगाने की संभावना तलाशने लगी है. माना जा रहा है कि कृषि उत्पादों के लिए प्रतिष्ठित इस क्षेत्र में यूरिया और डीएपी और पोटास बनाने वाली कंपनियां शुरू हो सकती हैं. इसके लिए कई प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने भी शासन और लोकल प्रशासन के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इनके लिए अनुकूल जमीन की तलाश कर अलाटमेंट का काम शुरू हो सकता है.