कुत्ते के काटने से मौत हुई गाय की, रेबीज का इंजेक्शन लगवाने दौड़ पड़ा पूरा गांव; हैरान कर देगी कहानी

गोरखपुर में कुत्ते के काटने से गाय की रेबीज से हुई मौत ने पूरे गांव में दहशत फैला दी. दरअसल, मृत गाय का दूध धार्मिक आयोजनों में चरणामृत के रूप में प्रयोग हुआ था. संक्रमण के डर से सैकड़ों ग्रामीण, बच्चों सहित, रेबीज का टीका लगवाने अस्पताल भागे. डॉक्टरों ने दूध से रेबीज फैलने की आशंका को कम बताया, लेकिन एहतियातन सभी को टीके लगाए गए.

सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक हैरान करने वाली घटना हुई है. यहां एक गाय को दो महीने पहले कुत्ते ने काट लिया था. इससे बुरी तरह जख्मी गाय की इलाज के दौरान मौत हो गई. यह खबर गांव में फैली लोग दहशत में आ गए. देखते ही देखते गांव के सभी लोग अपने बच्चों के साथ रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. दरअसल जिस गाय की मौत हुई थी, पिछले दिनों उसी गाय के दूध से भगवान का चरणामृत बना था.

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह चरणामृत गांव के सभी लोगों ने लिया था, इसलिए लोगों में रेबीज फैलने का डर बैठ गया. जानकारी के मुताबिक यह गाय दो दिन पहले अचानक उग्र हो गई और खाना पीना छोड़ दिया. डॉक्टर को दिखाया गया, लेकिन देखते ही देखते गाय की मौत हो गई. लक्षण देखकर डॉक्टर ने बताया कि गाय की मौत रेबीज की वजह से हो सकती है. डॉक्टर ने कहा ही था कि पहले गाय मालिक दहशत में आए और उन्होंने जैसे ही यह बात अन्य लोगों को बताई, पूरा गांव दहशत में आ गया.

भागवत कथा में बना था प्रसाद

गांव वालों के मुताबिक पिछले दिनों में गांव आयोजित शिवचर्चा और भागवत कथा के दौरान चरणामृत में इसी गाय के दूध और दही का इस्तेमाल हुआ था. यह प्रसाद कथा में आए सैकड़ों लोगों ने पाया. इन सभी लोगों को डर हो गया कि जिस रेबीज के संक्रमण से गाय की मौत हुई है, कहीं उसी रेबीज के संक्रमण से उनकी भी मौत ना हो जाए. ऐसे में आनन फानन में लोग अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. पीएचसी उरुवा में लोगों की लंबी कतार लग गई. गनीमत रही कि इंजेक्शन उपलब्ध था और सभी को लग गया.

सीएमओ डॉ. राजेश झा के मुताबिक घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला अस्पताल के एक विशेषज्ञ की सलाह पर सभी को टीका लगाया गया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है, जिसमें कुत्ते के काटने से किसी गाय की मौत हुई हो तो उसके दूध पीने से भी इस तरह की घटना हो जाए. बावजूद इसके प्रीवेंटिव बेसिस पर कोई भी यह इंजेक्शन लगवा सकता है. उन्होंने कहा कि और भी किसी को इस तरह का शक हो तो अस्पताल में आकर इंजेक्शन लगवा सकता है.