हरदोई: थाने में युवक की मौत से बवाल, अखिलेश यादव बोले- ये ‘हत्या’ है
हरदोई में लड़की भगाने के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने थाने में जमकर हंगामा किया. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा है. हिरासत में हुई मौत से सियासत गरमा गई है. अखिलेश यादव ने इसे हत्या बताया है.

हरदोई के शाहाबाद कोतवाली में लड़की भगाने के आरोपी युवक की मौत से बवाल मचा है. सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया. लेकिन आक्रोशित परिजनों ने शव को लेकर दोबारा थाने पहुंच गए. सैंकड़ों लोग थाने के अंदर घुस गए. इस दौरान पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. अब इस पर सियासत भी गरमा गई है.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘हिरासत में मौत का रिकॉर्ड बनाने वाला यूपी का शासन-प्रशासन किस हद तक असंवेदनशील है, इसका नया उदाहरण अब हरदोई से आया है. हिरासत में मौत दरअसल ‘हत्या’ के बराबर होती है. सभी संलिप्त लोगों को कठिन से कठिन सज़ा मिलनी चाहिए.’
शाहजहांपुर-हरदोई हाईवे 3 घंटे रहा बंद
आक्रोशित परिजनों का आरोप है कि साजिश की तहत युवक की हत्या की गई है. परिजनों ने नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर आज प्रदर्शन किया. शव थाने के सामने रखकर जमकर तांडव हुआ. इसके कारण करीब तीन घंटे तक शाहजहांपुर-हरदोई राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया था.
गुस्साएं लोगों ने एएसपी मर्तड सिंह को धक्का मारते हुए शव लेकर कोतवाली में घुस गए. भारी भीड़ देखकर कई थानों की पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया. आखिर में एसपी नीरज जादौन और डीएम अनुनय झां ने पीड़ित परिवार को नौकरी का आश्वासन देकर मामला शांत कराया.
क्या है पूरा मामला?
मृतक युवक का नाम रवि राजपूत है और वह अहमदनगर गांव का रहने वाला था. उसने गांव की ही एक नाबालिग लड़की के साथ 27 अगस्त को कहीं चला गया था. इसपर लड़की के परिजनों ने 28 अगस्त को अपहरण का केस दर्ज कराया था. यूपी-112 पीआरवी ने रवि को उसके घर से पकड़ा था और लड़की को बरामद किया. पुलिस ने रवि को हिरासत में रखा, जहां रविवार को शाम उसकी मौत हो गई.
रवि से अपराध हुआ था तो जेल भेजते- पिता
पुलिस का कहना है कि हिरासत में रवि की रविवार शाम तबीयत बिगड़ गई थी. उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पीड़ित पिता यमराज राजपूत का आरोप है कि लड़की पक्ष के साथ मिलकर ये साजिश की गई है. लड़की खुद उनके बेटे के साथ गई थी.
उन्होंने कहा कि अगर उसने अपराध किया था तो पुलिस उसे जेल भेजती. थाने के अंदर चार दिन क्यों रखा गया?. हालांकि, पुलिस ने रविवार को ही परिजनों की तहरीर पर उपनिरीक्षक वरुण शुक्ला समेत कई पुलिसकर्मियों पर दर्ज कर लिया था.