एक के बाद एक और शावक की मौत… इटावा लायन सफारी में रूपा के तीन बच्चे न बचे
इटावा लायन सफारी में शेरनी रूपा के तीसरे शावक की मौत हो गई है, अब केवल एक शावक जीवित है. इससे पहले दो शावकों की मौत पहले ही हो चुकी है. लगातार मौतों से सफारी में शेरों की देखभाल और सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. खानपान, चिकित्सा सुविधाओं और रखरखाव की कमी की आलोचना हो रही है और जांच की मांग की जा रही है.

उत्तर प्रदेश के इटावा लायन सफारी में एक बार फिर बब्बर शेर के शावक की मौत हो गई है. शेरनी रूपा के चार में से तीसरे शावक की बुधवार को मौत हुई. जिस समय उसकी मौत हुई थी, सुबह के करीब चार बजे थे. इसके साथ ही अब तक रूपा के तीन शावकों की मौत हो चुकी है. अब सिर्फ एक ही शावक जिंदा बचा है. उसे डॉक्टरों और कीपरों की निगरानी में हैंड रियर प्रक्रिया के तहत पाला जा रहा है.
शेरनी रूपा ने 20 अप्रैल 2025 की रात चार शावकों को जन्म दिया था. इनमें पहला शावक मृत पैदा हुआ था. दूसरे शावक को शेरनी ने शिकार बना लिया थी और अब तीसरे की भी मौत हो गई है. पहला शावक रात 12:35 पर, दूसरा 1:42 पर और तीसरा सुबह 5:59 पर जन्मा था. वहीं चौथा शावक भी उसी दिन सुबह 10 बजे पैदा हुआ था.
जन्म देने के बाद शेरनी ने नहीं पिलाया दूध
शावकों को जन्म देने के बाद से ही शेरनी रूपा ने उन्हें दूध नहीं पिलाया, जिसके कारण दो शावकों को इंसानी देख-रेख में रखा गया. उन्हें बोतल से दूध पिलाकर जिंदा रखने की कोशिश की गई.
इटावा सफारी में बब्बर शेरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2014 में सफारी की शुरुआत के बाद से अब तक दो दर्जन से ज्यादा शेर, शेरनियां और शावक असमय काल के गाल में समा चुके हैं. इनमें कई बूढ़े और बीमार शेर थे, लेकिन कई युवा और स्वस्थ जानवरों की भी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हुई है.
सफारी में गुणवत्ता का रखा जाए ध्यान
सफारी में हो रही इन लगातार मौतों को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं. विपक्ष ने भी विधानसभा में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था. सफारी में शेरों को दिए जाने वाली दवाई, मीट की गुणवत्ता, रखरखाव की व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी पर भी कई बार सवाल खड़े हुए. पहले तो चर्चा हुई, मगर बाद में फिर इसे खानापूर्ति कर मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
अब यह जरूरी हो गया है कि सफारी में शेरों के रखरखाव, चिकित्सा, खानपान और देखभाल की व्यवस्थाओं की अच्छी क्वालिटी की जांच कराई जाए. ऐसा इसलिए हो ताकि अब तक हुई मौतों की जवाबदेही तय हो सके. और इसमें लापरवाली बरतने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.
बार-बार मौतों से खड़े हो रहे सवाल
इटावा लायन सफारी बब्बर शेरों के संरक्षण के लिए बनाई गई थी, लेकिन बार-बार हो रही मौतों ने इस मिशन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब समय है कि शासन, प्रशासन और वन विभाग गंभीर होकर जवाबदेही तय करें. एशियाटिक बब्बर शेरों की यह नस्ल सफारी पार्क में सही तरह से संरक्षित करने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है.
सफारी निदेशक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने बताया कि मृत शावक पिछले कई दिनों से बीमार था. उसने खाना-पीना भी बंद कर दिया था. डॉक्टरों की निगरानी और इलाज के बावजूद बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई. शावक के शव को पोस्टमार्टम और जांच के लिए बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) भेजा गया है.



