200 नहीं, अब लगेंगे 500 रुपये… कानपुर बार एसोसिएशन ने बढ़ाई वकालतनामा की फीस

कानपुर बार एसोसिएशन ने वादियों के वकालतनामे के दामों में बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है. इस फैसले के चलते मुवक्किलों की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. आखिर नए प्रावधानों के तहत कितनी बढ़ी है फीस और इसका लोगों पर कितना पड़ेगा असर. आपको विस्तार से बताते हैं.

कानपुर बार एसोसिएशन

कानपुर के वादियों को अब जिला न्यायालय में मुकदमा दायर करने से पहले अपनी जेब़ की तरफ देखना कम्पलसरी जैसा होने वाला है. वजह है कानपुर बार एसोसिएशन के वकालतनामा की फीस में बढ़ोतरी. जहां पहले एक वकालतनामा 200 रुपए में उपलब्ध होता था वहीं इस फैसले के चलते अब इसके लिए 500 रुपए देने होंगे. यानी वकालतनामे के दामों में दोगुने से ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.

हांलाकि इस फैसले को केवल बार एसोसिएशन ने लागू किया है, जबकि लॉयर्स एसोसिएशन में चुनाव प्रक्रिया के चलते फीसों में अभी कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है.

क्या है वकालतनामा

वकालतनामा किसी भी वकील को ये अधिकार देता है कि वो अपने मुवक्किल की तरफ से अदालत में केस लड़े. पहले ये वकालतनामा कचहरी के आसपास की दुकानों पर आसानी से मिल जाया करता था, लेकिन अब इसकी बिक्री का अधिकार केवल बार एंड लॉयर्स एसोसिएशन के पास है. पुराने रेट के मुताबिक एक वकालतनामे के 200 रुपए में से 120 रुपए वकील को और 80 रुपए एसोसिएशन को मिलते थे. लेकिन इसकी नई दरों के तहत 500 रुपए में से 300 रुपए वकील को और 200 रुपए एसोसिएशन को मिलने वाले हैं.

वादकारियों पर बढ़ेगा बोझ

कानपुर बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह ने बताया कि नए रेट्स को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है. इसे लेकर वकीलों का कहना है कि इससे एसोसिएशन की आय बढ़ेगी और अधिवक्ताओं को भी फायदा होगा, लेकिन वादकारियों के लिए ये बोझ बढ़ाने वाला कदम साबित हो सकता है.

जानकारों का मानना है कि कानपुर बार एसोसिएशन का ये फैसला सामान्य जनता के लिए न्यायिक प्रक्रिया में जेब ढ़ीली करने वाला कदम है. उनका कहना है लोग पहले से ही परेशान हैं और ऐसे में बढ़ी हुई फीस नई चुनौती साबित होने वाली है.