13 साल पहले घर से भागा, साधु बनकर लौटा तो मां से लिपटकर खूब रोया बेटा
जौनपुर में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली, जिसके बाद पूरा परिवार भावुक होता नजर आया. 13 साल पहले लापता हुआ बेटा जब अपने ही दरवाजे पर साधु बनकर भिक्षा मांगने पहुंचा तो मां ने बेटे को झट से पहचान लिया. इसके बाद पूरा परिवार बेटे से लिपटकर फूट- फूटकर रोते नजर आया.

यूपी के जौनपुर में भावुक कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली. जब 13 साल पहले लापता हुआ बेटा साधु के वेश में अपनी ही मां से भिक्षा मांगने पहुंचा तो मां ने एक झलक में ही अपने बेटे को पहचान लिया. इसके बाद मां- बेटे दोनों फूट- फूटकर रोने लगे. देखते ही देखते पूरा का पूरा परिवार इकट्ठा हो गया और 13 सालों बाद उनके इस मिलन की तस्वीर ने सबको भावुक कर दिया.
13 साल पहले अचानक हुआ था लापता
ये घटना चंदवक थाना क्षेत्र के बलरामपुर गांव की है. यहीं के रहने वाले एक शख्स की 2012 में मौत हो गई थी. इसके बाद उनका बड़ा बेटा राकेश अचानक घर से लापता हो गया. उसे ढ़ूढ़ने की लाख कोशिश की गई लेकिन उसकी खोज- खबर का कोई पता नहीं चला. समय के साथ परिवार ने मान लिया कि राकेश अब कभी वापस नहीं आएगा.
लेकिन कहते हैं न कि मां की दुआ कभी खाली नहीं जाती. पूरा परिवार हार मान चुका था, लेकिन मां को भरोसा था कि अगर उसका बेटा इस दुनिया में होगा तो वो जरूर उसके पास लौटेगा. बुधवार को अचानक एक साधु गांव में भिक्षा मांगने आया. उसकी बड़ी हुई दाढ़ी, जटाओं के बावजूद मां ने उसे झट से पहचान लिया. मां ने उसे देखते ही पुकारा “राकेश, तू ही है ना?”
मां से लिपटकर खूब रोया बेटा
लेकिन साधु ने जानबूझकर मां पहचानने से इनकार कर दिया और आगे बढ़ गया. जब ये खबर गांव में फैली, तो लोगों ने बताया कि यह साधु गाजीपुर जिले के अमेना गांव में भी देखा गया है. गुरुवार को जैसे ही मां को खबर मिली कि वही साधु चंदवक बाजार में मौजूद है, वो आनन- फानन में वहां पहुंची. जब उस साधु को रोका गया तो इस बार वो जोर-जोर से रो पड़ा और मां से लिपट गया.
एक दशक के बाद बेटे को पाकर मां की आंखों भी डबडबा गईं. राकेश ने अभी ये नहीं बताया है कि वो इतने साल कहां रहा. फिलहाल परिवार को उम्मीद है कि अब वो सामान्य जीवन में फिर से लौटेगा.



