वाह री पुलिस! बिना गायब, बिना शिकायत दर्ज किया गाड़ी चोरी का मुकदमा, हिरासत में भी लिया

पुलिस का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है. जहां पुलिस ने बिना शिकायत और चोरी हुए एक गाड़ी की FIR दर्ज कर दी. हद तो तब हो गई जब पुलिस ने इस फर्जी FIR में गाड़ी मालिक के दोस्त को हिरासत में उठा लिया. इस घटना से जिले में हड़कंप मच गया है. पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं.

कन्नौज पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा

जनपद कन्नौज के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे जिले में पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां पुलिस ने गाड़ी चोरी का मुकदमा दर्ज तो कर दिया, लेकिन इस घटना में न तो गाड़ी चोरी हुई, न पीड़ित ने शिकायत की और न ही थाने में कोई तहरीर दी गई. इसके बावजूद एक निर्दोष को हिरासत में लिया.

पुलिस ने गाड़ी की मालकिन के नाम से मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद उनके ही एक दोस्त को गाड़ी चोरी के आरोप में हिरासत में उठा लिया गया. गाड़ी मालकिन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई शिकायत नहीं की थी. अब इस घटना की चर्चा अब जिले से आगे पुलिस विभाग में तेजी से फैल गई है.

गाड़ी मालकिन के वीडियो से पूरा मामला उलट गया

मामला तिर्वा कोतवाली का है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार नैना पुत्री रामपाल के नाम से शिकायत दर्ज की गई कि उनकी गाड़ी चोरी हो गई है और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा लिख दिया गया. लेकिन पूरा घटनाक्रम उस समय उलट गया जब गाड़ी की मालिक नैना का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए.

नैना ने स्पष्ट कहा कि उनकी गाड़ी चोरी नहीं हुई है और उन्होंने न कोई तहरीर दी और न ही थाने में कोई शिकायत की. इसके बावजूद उनके नाम से एफआईआर दर्ज कर दी गई और पुलिस ने उनके ही दोस्त को गाड़ी चोरी के नाम पर उठा लिया. नैना ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उल्टा उसे और उसके दोस्त को परेशान कर रही है.

कैसे FIR दर्ज किया, किस आधार पर हिरासत में लिया?

वीडियो सामने आने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल और भी तेज हो गए. जब इस मामले में तिर्वा कोतवाली प्रभारी संजय शुक्ला से जवाब मांगा गया तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ‘मुकदमा उन्हीं की तरफ से दर्ज कराया गया है और अब उन्हीं पर दबाव डालकर गाड़ी वापस मंगवाई जा रही है.’

अब सवाल है कि बिना शिकायत और बिना घटना के आखिर पुलिस ने कैसे मुकदमा दर्ज कर लिया और किस आधार पर निर्दोष व्यक्ति को उठा लिया गया. स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर चर्चा तेज है और लोग इसे पुलिस की बड़ी लापरवाही के रूप में देख रहे हैं. वहीं पीड़ित पक्ष ने उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने की बात कही है.

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल

अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है. क्या पीड़िता के आरोपों की जांच निष्पक्ष तरीके से हो पाती है या नहीं. फिलहाल, तिर्वा पुलिस की यह कार्रवाई लोगों के बीच गंभीर सवालों के घेरे में है. यह घटना जिले में चर्चा का विषय बन गया है और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा रही है.