गजब हाल! मेडिकल स्टोर के अंदर चल रहा क्लीनिक, जांच में पहुंचे CMO भी हुए दंग

कानपुर में मेडिकल स्टोर की आड़ में अवैध क्लीनिक चलाने का मामला सामने आया है. जिलाधिकारी के आदेश पर हुई जांच में मरीज का इलाज होते पाया गया. सीएमओ ने मौके पर पहुंचकर अवैध क्लीनिक को तुरंत सील कर दिया. मेडिकल स्टोर में अवैध पैथोलॉजी चलाने की भी शिकायत है.

सीएमओ ने अवैध क्लीनिक को सील किया. Image Credit:

कानपुर के स्वास्थ विभाग का हाल तो सभी को पता है. शहर के अंदर सैकड़ों ऐसे अस्पताल है जो या तो बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे है. या फिर उनके पास जिस चीज का लाइसेंस है उसके अलावा भी वो इलाज कर रहे है. अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने अधिकारियों को भी चौंका दिया.

कानपुर शहर के एक मेडिकल स्टोर में ही मरीज का इलाज किया जा रहा था. शिकायत पर जब जांच कराई गई तो यह सही पाई गई. सीएमओ जब मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो वो भी चौंक गए. क्योंकि सही में मेडिकल स्टोर के अंदर क्लिनिक का संचालन हो रहा था. यहां तक की मरीज का इलाज होते पाया गया.

मेडिकल स्टोर में मरीज, चढ़ाई जा रही थी ड्रिप

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित हुआ. दिवस के दौरान सरसौल के बाजखेड़ा गांव निवासी पंकज ने इसकी शिकायत की. उन्होंने कहा कि रामपुर रोड पर सैयद बाबा मजार के पास नारायण मेडिकल स्टोर पर विजय यादव और अन्य लोग अवैध क्लिनिक और पैथोलॉजी चला रहे हैं.

डीएम ने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी को जांच के लिए भेजा. सीएमओ जब मेडिकल स्टोर पर पहुंचे तो देखा अंदर सही में क्लिनिक का संचालन हो रहा था. जांच में पाया गया कि मेडिकल स्टोर में दो मरीजों, राम मनोहर और माया देवी का इलाज चल रहा था. राम मनोहर को ड्रिप चढ़ाई जा रही थी.

मेडिकल स्टोर के अंदर क्लिनिक पहली बार दिखा

सीएमओ ने दोनों मरीजों को सरसौल सीएचसी भिजवाया और अवैध क्लिनिक को सील कर दिया. दवाओं और लाइसेंस की जांच के लिए ड्रग इंस्पेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए. इससे पहले भी कानपुर में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक पकड़े गए हैं. लेकिन मेडिकल स्टोर के अंदर क्लिनिक यह पहली बार दिखाई पड़ा.

शिकायतकर्ता ने यह आरोप भी लगाया था कि यहां पर पैथोलॉजी का काम भी किया जाता है. इसके अलावा उसने आरोप लगाया कि अजय यादव हैलेट अस्पताल में संविदा कर्मचारी है. वहां से दवा लाकर मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर मरीजों को बेचता है. प्रशासन द्वारा सभी शिकायतों की जांच कराई जा रही है.