‘इन्हें किसके सहारे छोड़ू…’ सर्राफा कारोबारी ने पहले दो बेटों को ईंट से कूंचा, फिर खुद पी लिया जहर

कानपुर में एक सर्राफा कारोबारी ने आर्थिक और पारिवारिक तनाव के चलते अपने दो बेटों को ईंट से कूंच दिया. फिर खुद जहर पीकर आत्महत्या कर ली. इस दिल दहला देने वाली घटना में कारोबारी और छोटे बेटे की मौत हो गई, जबकि बड़ा बेटा गंभीर है. सुसाइड नोट में लिखा था, "इन्हें किसके सहारे छोड़ू..." पुलिस मामले की जांच कर रही है.

सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई है. यहां एक सर्राफा कारोबारी ने पहले अपने दोनों बेटों को ईंट से कूंच दिया. फिर उसने खुद कीटनाशक पी लिया. इस घटना में कारोबारी और उसके छोटे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि बड़ा बेटा अभी भी एलएलआर अस्पताल में अपनी जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक जांच में इस वारदात का कारण आर्थिक और पारिवारिक तनाव बताया जा रहा है.

मामला कानपुर के अरौल कस्बे का है. पुलिस के मुताबिक हासिमपुर गांव में रहने वाले 45 वर्षीय अजय कटियार उर्फ लालू पिछले 10 वर्षों से अरौल कस्बे में ‘ओम ज्वेलर्स’ नाम से सराफा की दुकान चला रहे थे. वह कस्बे में ही एक मकान बनाकर अपने दो बेटों, 13 वर्षीय रुद्र और 7 वर्षीय शुभ के साथ रहते थे. तीन साल पहले 19 दिसंबर 2022 को उनकी पत्नी अलका की संदिग्ध हालात में सीढ़ियों से गिरकर मौत हो गई थी. अलका के मायके वालों ने तब अजय पर ईंट मारकर हत्या का आरोप लगाया था.

पत्नी की मौत के दिन सुसाइड

उस समय कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अजय ने अपने ससुरालियों से समझौता कर लिया. इस समझौते के तहत उन्होंने अपनी पांच बीघा जमीन और अरौल का मकान दोनों बेटों के नाम कर दिया. इसके बाद उनके परिवार में तो शांति आ गई, लेकिन मन में नहीं. अजय लगातार तनाव में रहने लगे. इसी तनाव की वजह से उन्होंने अपनी पत्नी की मौत के दिन ही अपने दोनों बेटों को मारकर सुसाइड करने का प्रयास किया. मामले का खुलासा उस समय हुआ जब शुक्रवार को अजय के पिता राम शंकर अरौल स्थित दुकान पर पहुंचे.

पिता के आने पर हुआ खुलासा

उस समय दुकान बंद मिली तो वह घर गए, लेकिन वहां भी दरवाजा अंदर से बंद मिला. कई बार आवाज देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो दोनों बच्चे खून से लथपथ पड़े थे. छोटे बेटे शुभ की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि बड़े बेटे रुद्र की सांसे चल रहीं थी. वहीं खुद अजय भी मरे पड़े थे. आनन फानन में तीनों को अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बड़े बेटे को भर्ती कर लिया, छोटे बेटे के साथ अजय के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

मौके पर मिला सुसाइड नोट

घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अजय ने लिखा था, “बच्चे उतने ही पैदा करो, जितनी परवरिश कर सको. किसके सहारे इन्हें छोड़ूं, इसलिए बच्चों को भी अपने साथ ले जा रहा हूं.” डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अजय ने पहले फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन असफल रहने पर जहरीला पदार्थ (कीटनाशक) पी लिया. आंगन में फंदा लटकता मिला है. कमरे से खून से सनी ईंट और कीटनाशक की बोतल भी बरामद हुई. आशंका है कि अजय ने पहले बेटों पर ईंट से हमला किया और फिर खुदकुशी की.