कीचड़ में फिसलकर गिरी बेटी तो सड़क पर तकिया-चटाई लेकर लेटा पिता, अनोखा विरोध

कानपुर में खराब सड़क और जलभराव से परेशान एक पिता ने अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. बारिश से क्षतिग्रस्त सड़क पर शख्स चटाई-तकिया बिछाकर लेट गए. उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही पर रोष जताया. सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया, जिसपर लोगों ने सरकार की अनदेखी पर विरोध जताया.

रोड पर विरोध करता हुआ पिता (वीडियो ग्रैब)

सरकारी विभाग और अधिकारी जनता की समस्या को दूर करने के लिए होते हैं लेकिन, जब सरकार और सिस्टम के लोग आम जनता की मुश्किलों को नहीं सुनते हैं तो जनता को अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए दूसरे तरीके अपनाने पड़ते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया है. यहां एक पिता ने टूटी सड़क और जल भराव की शिकायत अधिकारियों से लेकर नेताओं सबसे कर डाली. लेकिन, किसी ने भी एक पिता की गुहार नहीं सुनी. उसकी बेटी को स्कूल जाने में दिक्कत होती थी. जब उसकी गुहार नहीं सुनी गई तो पिता ने चटाई और तकिया लगाकर उसी सड़क पर लेट कर अपना विरोध जाहिर किया.

कानपुर शहर में लगातार हो रही बारिश की वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां पर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ऐसे में बर्रा-8 से आनंद साउथ सिटी जाने वाले रास्तों के खराब होने और जलभराव की वजह से लोग परेशान हैं. उनके आमजनजीवन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस सड़क पर जगह-जगह बने बड़े-बड़े गड्ढों और जलभराव के कारण गाड़ियों के फिसलने और राहगीरों के गिरने के भी कई मामले सामने आए हैं.

4 साल की बेटी कीचड़ में फिसलकर गिरी थी

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस रास्ते से स्कूली बच्चे भी रोजाना अपने स्कूल जाते हैं. इस वजह से उनकी सुरक्षा पर भी खतरा बना हुआ है. बर्रा विश्व बैंक आई-ब्लॉक के रहने वाले और कपूर के व्यापारी शीलू दुबे ने बताया कि उनकी बेटी अनन्या क्लास 4 की स्टूडेंट हैं और हर दिन इसी रास्ते से स्कूल जाती हैं. कुछ दिन पहले वह स्कूल छोड़ने जा रहे थे, तभी अनन्या फिसलकर कीचड़ में गिर गईं.

चटाई तकिया बिछाकर किया प्रदर्शन

इस घटना से आहत होकर शीलू दुबे ने एक अनोखे तरीके से प्रशासन की लापरवाही पर विरोध जताया. उन्होंने जलभराव वाले इलाकों में चटाई और तकिया बिछाकर विरोध प्रदर्शन किया. अब बेटी के लिए पिता के इस विरोध का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इस प्रदर्शन को लोगों का भरपूर समर्थन मिला और उन्होंने नगर निगम व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही को आड़े हाथों लिया.

शीलू दुबे का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर इस समस्या को उठाया था, लेकिन न तो नगर निगम ने ध्यान दिया और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इसे गंभीरता से लिया. मजबूरी में उन्होंने ऐसा कदम उठाया ताकि, प्रशासन की नींद टूटे. अब देखना यह होगा कि इतने के बाद भी सरकारी तंत्र और नेताओं की नींद टूटती है या नहीं.