शरीर पर कितना असर कर रही है दवा, बताएगा IIT कानपुर का ये बायो सेंसर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने एक ऐसा बायो सेंसर बनाया है, जो ह्यूमन बॉडी पर दवाओं के प्रभाव की सटीक जानकारी देगा. ये खोज कैंसर, अर्थराइटिस व हार्ट से जुड़ी बीमारियों के इलाज में काफी मददगार साबित होने वाली है. आखिर IIT कानपुर की इस खोज को अहम क्यों माना जा रहा है, आपको बताते हैं.

IIT कानपुर ने बनाया बायो सेंसर

IIT कानपुर ने एक ऐसे बायो सेंसर की खोज की है, जिसके जरिए शरीर पर दवाओं के प्रभाव का पता लगाया जा सकेगा. इस खोज से कई गंभीर बीमारियों के इलाज में काफी मदद मिलने वाली है. ये सेंसर ह्यमन बॉडी की कोशिकाओं में दवाओं के असर का पता लगाने में मददगार होगा. जिससे गंभीर मरीजों का सटीक तरीके से इलाज किया जा सकेगा. रिसर्चर्स ने इसे एंटीबाडी आधारित बायो सेंसर टेक्नोलॉजी पर खासतौर से डिजाइन किया है.

इस टेक्नोलॉजी के जरिए वैज्ञानिकों को जीवित कोशिकाओं की निगरानी करने में खासतौर से मदद मिलेगी. इसके साथ ही क्रिटिकल बीमारियों के इलाज में भी आसानी होने वाली है.

हो चुकी है टेस्टिंग

IIT कानपुर ने ये खोज चेक गणराज्य के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर की है. IIT कानपुर के रिसर्चर्स के मुताबिक इस सेंसर के लिए लैब टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उनका कहना है जल्द ही इसका चूहों पर ट्रायल किया जाएगा. इस रिसर्च को अमेरिका के PNAS जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है.

IIT कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ बायोइंजीनियरिंग के प्रो.अरुण शुक्ला के मुताबिक अब तक शरीर की कोशिकाओं के बदलते व्यवहार की सटीक निगरानी करते में काफी परेशानियां आती थीं. अब इस खोज के बाद इस समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा.

ऐसे काम करेगा सेंसर

यह बॉयो सेंसर कोशिकाओं के रिसेप्टर से जुड़े होते हैं. ये इसके साथ एक्टिव रहते हैं. जैसे ही इन्हें हल्की रोशनी का आभास होता है, तो ये अलर्ट का मैसेज दे देते हैं. इसी के जरिए एक्सपर्ट यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि किसी शख्स को दी गई दवाओं का असर रिसेप्टर पर कितना हो रहा है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सेंसर से बीमारियों में रिसेप्टर्स की भूमिका समझने और नई दवाओं की खोज में भी मदद मिल सकती है. जब इसका कैंसर, अर्थराइटिस और हार्ट कोशिकाओं के रिसेप्टर्स पर टेस्ट किया गया तो काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स देखने को मिले.