एफआईआर में देरी, रेप पीड़िता से बदसलूकी… DIG की जांच में दोषी मिले कोतवाल, हुआ ये एक्शन
मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के दौरान चर्चा में रहे इंस्पेक्टर आरपी शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया. उनके ऊपर महिला अपराध के मामले में समय रहते कार्रवाई नहीं करने और पीड़िता से बदसलूकी का आरोप है. इस संबंध में पीड़िता ने डीआईजी मुरादाबाद को शिकायत दी थी.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के दौरान चर्चा में रहे पुलिस इंस्पेक्टर आरपी शर्मा के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. एक महिला अपराध के मामले में कार्रवाई नहीं करने पर डीआईजी मुरादाबाद के आदेश पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. उपचुनाव के दौरान मूढापांडे थाने के कोतवाल रहे इंस्पेक्टर आरपी शर्मा पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हाजी रिजवान ने गंभीर आरोप लगाए थे.
वहीं अब उन्हें एक महिला अपराध से जुड़े मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप है. मझोला थाना क्षेत्र में रहने वाली इस महिला ने पुलिस में शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी. आरोप है कि इस संबंध में शिकायत देने के बावजूद कोतवाल ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. बल्कि पीड़िता को बुरा भला भी कहा था. पुलिस के चक्कर काटकर थक चुकी पीड़िता ने डीआईजी कार्यालय में शिकायत दी थी. इसके बाद डीआईजी ने मामले की जांच कराई. जिसमें कोतवाल दोषी पाए गए थे.
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित महिला ने 28 मई को डीआईजी कार्यालय में शिकायत दी थी. इसमें बताया था कि ओंकार नाम के शख्स ने शादी का झांसा देकर उससे दहेज की मांग की. जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई, तो आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश किया और बेहोशी की अवस्था में ही उसके साथ रेप किया. बाद में आरोपी ने उसके साथ शादी से मना कर दिया था.
अपनी पीठ थपथपाने में जुटी सपा
इस गंभीर मामले की शिकायत के बाद डीआईजी ने मझोला थाना प्रभारी को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. इस मामले ने न केवल पुलिस प्रशासन की ऐक्शन में देरी को लेकर सवाल उठाए हैं. और यहां पर महिला अपराध के प्रति संवेदनशीलता नहीं होने की गलती को भी उजागर किया गया है. दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने इस निलंबन को अपनी शिकायतों का परिणाम बताया है. इसके बाद डीआईजी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई महिला अपराध के मामले में लापरवाही के कारण की गई है.