लखनऊ से 3 घंटे में पहुंचेंगे नोएडा! क्या है नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सच्चाई? सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर
सोशल मीडिया पर लखनऊ से नोएडा तक 3 घंटे में पहुंचाने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की खूब चर्चा हो रही है. हालांकि इस दावे की सच्चाई पर सवाल भी उठने लगे हैं. वर्तमान में मौजूद सड़कों से यह यात्रा 7-11 घंटे में पूरी होती है. चूंकि भारत में 120 किमी/घंटे से अधिक की गति सीमा नहीं है, इसलिए 3 घंटे में सफर का दावा असंभव प्रतीत होता है. उधर, यूपीडा ने भी फिलहाल इस तरह के किसी प्रोजेक्ट से इनकार किया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से नोएडा तक एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाए जाने की खबर इन दिनों सोशल मीडिया में सुर्खियों है. दावा किया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे से महज 3 घंटे में ही लखनऊ से नोएडा पहुंचा जा सकेगा. क्या सच में कोई ऐसा एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है? इस सवाल पर संदेह है. दरअसल हवाई मार्ग से भी लखनऊ और नोएडा के बीच की दूरी 460 किमी के आसपास है. ऐसे में यदि कोई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे इतनी दूरी का भी बनाया जाए तो तीन घंटे में यह सफर पूरा नहीं हो सकता.
इस सफर को पूरा करने के लिए गाड़ी की स्पीड कम से कम 175 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए. जबकि भारत में 120 से अधिक स्पीड लिमिट का प्रावधान ही नहीं है. अब सवाल उठा है तो आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि सच में ऐसा संभव है क्या? इस सवाल के जवाब में घुसने से पहले मौजूदा सड़कों की स्थिति जान लेना जरूरी है. अभी नोएडा से लखनऊ के बीच आवागमन के लिए तीन मुख्य सड़कें हैं.
सबसे तेज आगरा और यमुना एक्सप्रेसवे
इसमें आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे का रूट सबसे तेज और सहज है. इन दोनों एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 512 किमी है. इसके अलावा आगरा में इन दोनों एक्सप्रेसवे को कनेक्ट करने के लिए करीब 10 किमी का इनर सर्किल भी है. इन दोनों एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट 100 किमी प्रतिघंटा है. इसी प्रकार इन दोनों एक्सप्रेसवे पर सफर पूरा करने में कम से कम 7 से आठ घंटे लगते हैं.
ये दो रूट और भी हैं
इसके अलावा दो रूट और भी हैं. इनमें एक रूट NH 34 और आगरा एक्सप्रेसवे का है. इस रूट की दूरी करीब 460 किमी है. इस सड़क पर भी स्पीड लिमिट 100 किमी है. हालांकि एनएच 34 पर हैवी ट्रैफिक रहता है. ऐसे में यहां अवरोध पैदा होता है. इसके चलते सफर तय करने में कम से कम 8 से 9 घंटे लग जाते हैं. इसी प्रकार दूसरा रूट NH 9 और NH 30 का है. यह रूट 522 किमी लंबा है. इस रूट पर स्पीड लिमिट कहीं 80 तो कहीं 100 किमी प्रतिघंटा है और इससे सफर करने पर कम से कम 10 से 11 घंटे लग जाते हैं.
भारत में नहीं है 120 से ज्यादा की स्पीड लिमिट
अब बात करते हैं सोशल मीडिया की खबर की. इसमें पहली बात तो यह है कि अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार या UPEIDA के पास इस तरह के किसी भी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का कोई प्लान नहीं है. इस संबंध में अभी तक कैबिनेट में कोई चर्चा तक नहीं हुई है. दूसरी बात यह कि नोएडा से लखनऊ के बीच की हवाई दूरी भी 450 किमी से अधिक है. ऐसे में जमीन पर सड़क कैसी भी बनेगी तो दूरी 500 किमी से कम नहीं होगी. चूंकि भारत में अभी तक 120 से अधिक की स्पीड लिमिट का प्रावधान नहीं है. ऐसे में तीन घंटे में यह सफर असंभव है.
फिर क्या है सच्चाई?
यूपीडा के अधिकारियों के मुताबिक सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर में कोई सच्चाई नहीं है. बल्कि यह एक कल्पना है कि लखनऊ से नोएडा के बीच एक सीधी सड़क होनी चाहिए. इस सड़क को लेकर कई बार चर्चा तो हुई है, इसमें कहा गया था कि इन दोनों शहरों की दूरी कम किया जाए, जिससे कि आवागमन का समय भी कम हो सके. चूंकि इसमें तमाम सारी व्यवहारिक दिक्कतें हैं, इसलिए अभी तक यूपीडा ने इस दिशा में कोई प्लानिंग नहीं की है. ऐसे में संभव है कि किसी अधिकारी के मुंह से बात निकली हो और इसे किसी ने बतंगड़ बना दिया हो.



