दिल के टिश्यू नहीं, दांत और मसूड़ों के सैंपल से पता चल सकेगा मौत का सही समय, KGMU रिसर्च आई सामने

अब किसी शख्स की मौत के बाद उसके दांत-मसूड़ों के सैंपल से जल्द ही मौत के सही समय का पता लगाया जा सकेगा. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने रिसर्च में इसका पता लगाया है. उन्होंने 20 शवों की जांच की है.

डेंटल चेक-अप (फाइल फोटो) Image Credit: Freepik

अगर किसी शख्स की मौत का सटीक समय जान लिया जाए, या पता लगाया जा सके तो सोचिए कैसा होगा? बहुत सारे क्राइम केस में पुलिस को जांच करने में मदद मिल सकती है. वैसे ये कहने की बात नहीं है आने वाले समय में ऐसा किया जा सकेगा. मौत के समय का पता लगाने के लिए दिल के टिश्यू की जांच की आवश्यकता नहीं होगी.

बल्कि, इसके लिए दांत और मसूड़े के सैंपल की जरूरत पड़ेगी और इसकी जांच से पता लगाया जा सकेगा. इसके लिए रिसर्ज केजीएमयू ओरल पैथोलॉजी विभाग में किया गया. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के ओरल पैथोलॉजी विभाग ने एक स्पेशल प्रोजेक्ट के तहत इसकी जांच की है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की तरफ से मिले प्रोजेक्ट पर इस चीज का खुलासा किया गया है कि दांत और मसूड़ों के सैपल पर जांच होगी.

20 लोगों के शव पर हुआ रिसर्च

ओरल पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. शालिनी गुप्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि एनॉटमी विभाग में शव से दांतों और मसूड़ों के नमूने लिए गए. फिर इसके सैंपल से डीएनए सहित कई और जरूरी जांच भी किए गए, जिसमें ये सामने आया कि जब किसी शख्स की मौत हो जाती है, तो उसके दांत और मसूड़े में समय के साथ बदलाव होने लगते हैं. उसका रंग बदल जाता है. उसके साइज में बदलाव होता है. जांच में ये भी सामने आया है कि उम्र के साथ बदलाव की रफ्तार भी अलग थी. इस जांच के लिए 20 शवों के सैंपल इकट्ठा किए गए थे. पोस्टमार्टम डेंटल प्रोफाइल के प्रयोग में ऐसा किया गया.

क्राइम केस के जांच में मिलेगी मदद

इस तरह की जांच से मौत के सही समय का पता लगने से हत्या और क्राइम सीन तक पहुंचा जा सकेगा. इससे पुराने मामलों के भी खुलासे हो सकेंगे. इसे अंतर्राष्ट्रीय जर्नल मे भी प्रकाशित होने के लिए भेजा गया है.