गोमती नगर में प्रॉपर्टी हुई सबसे महंगी, लखनऊ में आज से लागू हुए नए सर्किल रेट
अगर आप लखनऊ में जमीन खरीदना चाहते हैं तो अब आपकी जेब ज्यादा ढीली होगी. क्योंकि यहां पर नए सर्किल रेट लागू हुए हैं. इस वजह से यहां की जमीन की कीमतों को बढ़ाया जाएगा. गोमतीनगर जैसे प्रमुख इलाकों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि गांव के इलाकों क्षेत्रों में 15 प्रतिशत तक की बढ़त की गई है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संपत्ति की खरीद-फरोख्त अब और महंगी हो जाएगी. क्योंकि, शुक्रवार से नए डीएम सर्किल रेट लागू हो गए हैं. दस साल बाद प्रस्तावित इन दरों में थोड़े बदलाव के बाद इन्हें आज से अमल में लाया गया है. गोमतीनगर, जानकीपुरम, इंदिरानगर और महानगर जैसे प्रमुख इलाकों में सर्किल रेट में अधिकतम 25 फीसदी तक की बढ़त की गई है, जबकि गांव के इलाकों में यह बढ़त 15 फीसदी तक की गई है.
10 साल बाद बदले सर्किल रेट, 49 आपत्तियों पर सुनवाई
दो जुलाई को 10 साल बाद सर्किल रेट संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था. इसके लिए 17 जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई थीं, जिनमें कुल 49 आपत्तियां मिली. सुनवाई के बाद मोहनलालगंज और सरोजनीनगर के कुछ सुदूर गांवों में जमीन के दाम में एकरूपता लाई गई. बाकी क्षेत्रों में प्रस्तावित दरें ही लागू की गईं. एडीएम वित्त एवं राजस्व राकेश सिंह ने बताया कि गोमतीनगर जैसे पॉश इलाकों में सर्किल रेट में बढ़त कई गई है जिससे, रजिस्ट्री का खर्च बढ़ेगा.
गोमतीनगर में सर्किल रेट 77,000
नए सर्किल रेट के मुताबिक, गोमतीनगर और गोमतीनगर विस्तार में जमीन की कीमतें अब 33,000 से 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई हैं, जो पहले 30,500 रुपये थीं. गोमतीनगर के विभूतिखंड में समिट बिल्डिंग के सामने वाले हिस्से में सर्किल रेट 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है, क्योंकि वहां बाजार मूल्य काफी ज्यादा है. वहीं, कम बाजार मूल्य वाले क्षेत्रों में सर्किल रेट 33,000 रुपये ही रखा गया है. किसान पथ और आउटर रिंग रोड के दोनों ओर की जमीनों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. नगर निगम की सीमा से बाहर इन सड़कों के आसपास के राजस्व गांवों और मोहल्लों में सर्किल रेट 15,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रस्तावित किया गया है. मलिहाबाद में यह दर 9,000 रुपये और बीकेटी में तेजी से हो रही प्लॉटिंग को देखते हुए दरें बढ़ाई गई हैं.
गांवों में भी बढ़ी कीमतें
गोसाईगंज, सिद्धपुरा, मगहुआ और बक्कास के पीछे चौरहिया जैसे गांवों में प्लॉटिंग की रफ्तार को देखते हुए सर्किल रेट में बड़ा बदलाव किया गया. पहले इन इलाकों में सर्किल रेट 200-250 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, जबकि बाजार में प्लॉट 3,000-4,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर बिक रहे थे. अब इन क्षेत्रों में सर्किल रेट 2,200 से 4,000 रुपये कर दिया गया है. निगोहां के टोल प्लाजा के पास दयालपुर, नन्दौली, हरिनामखेडा, और दुलारखेडा जैसे गांवों में भी सर्किल रेट 2,200 से 4,000 रुपये तय किया गया है.
रजिस्ट्री में छूट और सुविधाएं
जिलाधिकारी ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक क्यूआर कोड जारी किया है. इसे स्कैन करने पर रजिस्ट्री से जुड़ी सभी जानकारी, छूट और सुविधाओं का विवरण मिलता है. महिलाओं को एक करोड़ तक के स्टाम्प पर अधिकतम एक लाख रुपये की छूट दी गई है. भूतपूर्व सैनिकों, दिव्यांगजनों और दुर्बल आय वर्ग को भी विशेष छूट का प्रावधान है. इसके अलावा, परिवार के सदस्यों जैसे बेटा, बेटी, माता-पिता, पति-पत्नी, सगा भाई-बहन आदि के लिए दान विलेख में स्टाम्प शुल्क अधिकतम 5,000 रुपये रखा गया है.
दो स्लैब के आधार पर रेट तय
सर्किल रेट तय करने के लिए हाईवे, एक्सप्रेस-वे, और प्रमुख सड़कों के आसपास के इलाकों का बारीकी से सर्वे किया गया. दो स्लैब के आधार पर दरें तय की गई हैं, ताकि, बाजार मूल्य के मुताबिक, सर्किल रेट में एकरूपता रहे. यह बदलाव प्रॉपर्टी बाजार को और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम है. लखनऊ में नए सर्किल रेट लागू होने से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में बढ़त की उम्मीद लगाई जा सकती है, लेकिन यह आम आदमी के लिए थोड़ी महंगी जरूर साबित होगी.



