लखनऊ में अब किसी भी जमीन पर बन सकेंगे होटल… न्यू बिल्डिंग बायलॉज के नियमों में हुए ये बदलाव
लखनऊ में अब नई जमीनों पर होटल बनाना आसान होने वाला है. नई बिल्डिंग बायलॉज के नए नियमों के तहत होटल व्यवसाय को NOC से छूट दी गई है. इससे न केवल होटल और रियल एस्टेट कारोबार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. जिसके चलते कहीं न कहीं लोकल इकॉनामी को भी बढ़ावा मिलेगा.

लखनऊ में अब होटल बनाना पहले से कहीं ज्यादा आसान होने वाला है. वजह है लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की न्यू बिल्डिंग बायलॉज पॉलिसी में अहम बदलाव. नए नियमों के तहत अब किसी भी तरह की लैंड यूज वाली जमीन पर होटल का नक्शा पास कराया जा सकता है. पहले इसके लिए जमीन का नक्शा पास कराने के लिए कुछ खास मानक बनाए गए थे लेकिन अब ये बाध्यता पूरी तरह से हटा दी गई है.
इन सेक्टरों को भी फायदा
ये बदलाव उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के तहत किया गया है. इसके बारे में होटल कारोबारियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए LDA के अधिकारियों ने चारबाग में कुछ कारोबारियों के साथ बैठक की. अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों के चलते न केवल होटल व्यवसाय को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होगा.
नए नियमों के मुताबिक अब छोटे भूखंडों पर भी बिल्डर होटलों के नक्शे पास किए जा सकते हैं. इसके अलावा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा के चलते ये प्रक्रिया पहले से काफी आसान होने वाली हैं.
NOC लेना अब जरूरी नहीं
आवासीय भवनों में भी सीमित व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति भी दी गई है. जिससे आम लोगों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. इसके अलावा ज्यादा ऊंचाई और निर्माण क्षेत्र की छूट से कम जमीन पर भी बड़े प्रोजेक्टों पर काम किया जा सकेगा.
अब होटल व्यवसाय के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC लेना भी जरूरी नहीं होगा. इसके साथ ही टूरिज्म पॉलिसी के तहत होटल, होम- स्टे, पेइंग गेस्ट और हॉस्पिटल जैसी सुविधाओं को बाहरी विकास शुल्क और प्रभाव शुल्क से छूट दी गई है. इन फैसलों के चलते होटल उद्योग को बड़ा फायदा होने वाला है.



