यूपी में एक और डिजिटल अरेस्ट! रिटायर्ड मर्चेंट नेवी ऑफ़िसर को 6 दिन तक किया क़ैद, 1.29 करोड़ ठगे

हाल ही में वायुसेना के रिटायर्ड ऑफिसर के साथ ऑनलाइन ठगी की गई. उन्हें 36 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. अब लखनऊ से मर्चेंट नेवी अधिकारी के साथ डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है.

सांकेतिक तस्वीर Image Credit:

बीते दिनों उत्तर प्रदेश से एक वायुसेना के रिटायर्ड ऑफिसर के पूरे परिवार को डिजिटल अरेस्ट करके 3 करोड़ से ज्यादा रुपये की ठगी का मामला सामने आया था. अभी ताजा मामला लखनऊ से सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने 100 के बुजुर्ग हरदेव सिंह और उनके 70 साल के बेटे सुरिंद्र पाल सिंह को निशाना बनाकर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी की. ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर दोनों को 6 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी आरोप लगाकर उनके बैंक खातों से मोटी रकम ट्रांसफर करवा ली. पीड़ित सुरिंद्र ने सरोजिनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

मर्चेंट नेवी अधिकारी का किया डिजिटल अरेस्ट

लखनऊ के सरोजिनी नगर से साइबर ठगी का मामला सामने आया है. यहां की सैनिक हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले रिटायर्ड मर्चेंट नेवी अधिकारी सुरिंद्र पाल सिंह ने बताया कि 20 अगस्त को उनके पास एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी आलोक सिंह बताया. ठग ने दावा किया कि उनके और उनके पिता हरदेव सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है. इसी मामले में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है.

फर्जी वारंट की भेजी रिपोर्ट

डराने के लिए ठग ने व्हाट्सएप पर एक फर्जी अरेस्ट वारंट का फोटो भी भेजी. सुरिंद्र के मुताबिक, ठगों ने उनके 100 साल के पिता हरदेव सिंह को भी कॉल कर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी. इससे परिवार में दहशत फैल गई. ठगों ने वेरिफिकेशन के नाम पर बैंक खातों की जानकारी मांगी और डर का माहौल बनाकर 21 से 26 अगस्त के बीच अलग-अलग खातों में 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए. इसमें 32 लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा भावनगर, 45 लाख रुपये आईसीआईसीआई बैंक पौड़ा और 52 लाख रुपये जलगांव फाटा के खातों में जमा कराए गए.

रकम वापस करने का दिया झांसा

ठगों ने झांसा दिया कि जांच पूरी होने पर रकम वापस कर दी जाएगी. सुरिंद्र ने बताया कि जब तय समय में रकम वापस नहीं मिली, तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ. उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज की. इसके बाद सरोजिनी नगर थाने में तहरीर देकर केस दर्ज कराया. सरोजिनी नगर थाना प्रभारी राजदेव राम प्रजापति ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ठगों की लोकेशन और बैंक खातों के ट्रांजेक्शन का पता लगाने में जुटी है.