पिछले 5 सालों के ई-चालान माफ करने वाली है योगी सरकार, बना रही है ये प्लान

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए 2017 से 2021 तक के गैर-कर ई-चालानों को समाप्त करने का फैसला लिया है. इस फैसले के चलते लगभग 12.93 लाख लंबित चालानों का निस्तारण किया जाएगा.

पिछले 4 सालों के ई-चालान होंगे माफ

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में 2017 से 2021 के बीच किए ई-चालानों को दो कैटेगिरीज में निस्तारित करने का फैसला किया है. इस टाइम पीरिएड के दौरान कोर्ट में लंबित चालानों को विभाग के पोर्टल पर “Disposed – Abated” के रूप में दर्ज किया जाएगा. ऑफिस लेवल पर लंबित और समय-सीमा पार कर चुके चालानों को “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” कैटेगिरी में दिखाया जाएगा.

30 दिनों में पूरी होगी प्रक्रिया

इसके साथ ही इन चालानों से जुड़े सभी अवरोध खुद से ही हट जाएंगे. हालांकि, टैक्स से संबंधित चालान इस छूट के दायरे से बाहर रहेंगे और उन्हें टैक्स कानून की प्रकिया के तहत ही निपटाया जाएगा. परिवहन विभाग के इस फैसले के चलते 30 लाख से ज्यादा ई- चालानों पर असर पड़ने वाला है. आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2021 के बीच कुल 30.52 लाख ई-चालान किए गए थे.

इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालानोंस का निपटारा होना अभी भी बकाया हैं. इनमें से 10.84 लाख चालान कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग हैं. अब इन सभी के डिजिटल निस्तारण की प्रक्रिया को 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है.

कैसे देखें ?

अगर आपके वाहन का चालान भी 2017-2021 हुआ है और अभी तक पोर्टल पर लंबित दिख रहा है, तो 30 दिनों बाद ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर चेक करें. कोर्ट में लंबित मामले “Disposed- Abated पर देखे जा सकेंगे. ऑफिस लेवल लंबिल चालान के मामले में “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दर्ज होगा, और ब्लॉक हट जाएंगे.

जबकि टैक्स से जुड़े चालानों को कोई राहत नहीं मिलने वाली है और इनका निपटारा टैक्स कानून के तहत ही होगा. विभाग की तरफ से कहा गया है कि किसी भी समस्या आने पर हेल्पलाइन नंबर 149 या नजदीकी RTO/ARTO से संपर्क किया जा सकता है.