‘मीम्स-रील्स से गुमराही फैल रही, दीन का अपमान इस्लाम से बाहर कर सकता है’, मौलाना की दो टूक

सोशल मीडिया के दौर में फेमस होना आज के समय के लोगों के लिए प्राथमिकता बन गई है. ऐसे में मौलाना क़ारी ने वीडियो जारी किया है. उन्होंने कहा कि दीन का अपमान करने वाला इस्लाम से बाहर हो सकता है.

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सहारनपुर में जमीयत दावातुल मुस्लिमीन के संरक्षक और देवबंदी उलेमा मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को लेकर मुसलमानों को आगाह किया है. इस मामले को लेकर उन्होंने एक वीडियो बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि इस्लामी तालीमात और दीन के प्रतीकों का मजाक उड़ाना न सिर्फ गंभीर गुनाह है, बल्कि इसे खुला कुफ़्र माना जाएगा.

मौलाना ने साफ़ शब्दों में कहा कि कई लोग आजकल हंसी-मजाक या कॉमेडी के नाम पर नमाज़, अज़ान, हिजाब, रोज़ा, दाढ़ी, और यहां तक कि उलमा को हास्य का पात्र बना रहे हैं. इस्लाम की पहचान को मीम्स, रील्स और वीडियो क्लिप्स के ज़रिए अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये एक खतरनाक ट्रेंड है. सख्त लहजे में उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोग इस्लाम से बाहर जा सकते हैं.

ये है हर मुस्लिम की जिम्मेदारी

उन्होंने विशेष रूप से मुस्लिम युवाओं और युवतियों को चेताते हुए कहा कि सोशल मीडिया की लोकप्रियता में बहकर अपने ही मज़हब का अपमान करना नासमझी है. इमामों की नकल, हिजाब का मज़ाक़, रोज़े और शरीअत के हुक्मों को हल्का समझना, यह सब गंभीर अपराध है. मौलाना ने इस्लामी शिक्षा, इबादत और शरीअत को हंसी का जरिया न बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि दीन का सम्मान बनाए रखना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है और हर मुसलमान को इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाना चाहिए.

अंत में उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि सोशल मीडिया का उपयोग नेक नीयत और दीन की सही बातों को फैलाने के लिए करें, न कि मजाक बनाकर खुद को और अपने मज़हब को बदनाम करने करें. मीम्स की दुनिया में घुसते मुसलमान ऐसा करते हैं तो उन्हें इस्लाम से बाहर किया जा सकता है. ऐसे में इस्लाम