देश की पहली TOD बेस्ड टाउनशिप, मेरठ बनेगा दिल्ली-NCR का नर्व सेंटर
देश की पहली TOD बेस्ड टाउनशिप योजना मेरठ में विकसित करने की तैयारी है. मेरठ विकास प्राधिकरण ने 1.5 किमी क्षेत्र को TOD ज़ोन घोषित किया है. इसमें एक ही परिसर में कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र होंगी. इससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे और मेरठ दिल्ली-NCR का प्रमुख केंद्र बनेगा.

मेरठ का विकास नमो भारत रैपिड रेल की स्पीड से भी तेज चल रहा है. दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर ने ज़मीनों के दाम बढ़ा दिए हैं. इस बीच मेरठ विकास प्राधिकरण ने भी मौके का फायदा उठाते हुए 1.5 किमी क्षेत्र को टीओडी (Transit-Oriented Development) ज़ोन घोषित किया है. प्राधिकरण ने अपनी महा योजना 2031 के तहत जमीन अधिकृत करना शुरू कर दिया है.
दरअसल, दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ती आबादी को देखते हुए अब सभी का ध्यान मेरठ की ओर है. ऐसे में दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल की शुरुआत से आसपास के क्षेत्र में विकास को चार चांद लगा दिए हैं. इन क्षेत्र की प्रॉपर्टी के रेट 30 से 70 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं. ऐसे में TOD आधारित टाउनशिप से रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे और मेरठ दिल्ली-NCR का प्रमुख केंद्र बनेगा.
एक ही परिसर में कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र
मेरठ में फिलहाल नमो भारत रैपिड रेल का एक मात्र स्टेशन मेरठ साउथ चालू है. आने वाले समय में नमो भारत रैपिड रेल मेरठ शहर के बीच में से होती हुई मेरठ दूसरे छोर मोदीपुरम तक भी जल्द ही जाएगी. इसी कड़ी में मेरठ विकास प्राधिकरण की 2031 महा योजना को धार दिया जा रहा है. इसके तैयार होने से मेरठ आने वाले समय में दिल्ली एनसीआर का नया नर्व सेंटर बन जाएगा.

इस योजना से रोजगार के अनगिनत अवसर मिलने जा रहे हैं. महा योजना में लगभग 3273 हेक्टेयर भूमि को टीओडी जोन घोषित किया गया है, जहां एक ही परिसर में आवासीय एवं व्यावसायिक गतिविधियां शामिल होंगी. ज्यादातर हिस्सा इसमें नमो भारत रैपिड रेल के साउथ स्टेशन और आने वाले समय में नमो भारत रैपिड रेल के मोदीपुरम स्टेशन का है. रैपिड के इन स्टेशनों के लगभग 1.5 किलोमीटर के रेडियस को “टीओडी” जोन में रखा गया है.
300 से अधिक गांवों का होगा विकास
महायोजना के अंतर्गत इस टाउनशिप से नमो भारत रैपिड रेल के साउथ स्टेशन के आसपास के लोगों का ही नहीं बल्कि 300 से अधिक गांव का विकास होने की उम्मीद है. गांव के लोगों का कहना है कि जमीनों की कीमत काफी बढ़ गई है. किसानों को उनकी असली कीमत से करीब 4 गुना ज्यादा मुआवजा मिला है. किसानों का कहना है कि आने वाले समय में यहां विकास होगा जिससे उनको व्यापार में फायदा होगा.



