मेरठ टोल प्लाजा मारपीट के मामले में एक और एक्शन, तोड़फोड़ करने वाले 150 लोगों पर FIR
यूपी के मेरठ में टोल प्लाजा पर एक जवान के साथ हुई मारपीट और फिर बाद में गांववालों की प्रतिक्रिया के मामले में एक नया मोड आ गया है. अब प्रशासन ने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ करने वाले 150 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का फैसला किया है.

मेरठ में टोल प्लाजा विवाद में अब नया नया मोड आता दिखाई दे रहा है. यहां फौजी से मारपीट के विरोध में तोड़फोड़ करने वाले 150 से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दे रही है.
150 से अधिक लोगों पर FIR
चर्चित मेरठ–करनाल हाईवे पर स्थित भूनी टोल प्लाजा पर 17 अगस्त की रात को सेना के एक जवान के साथ हुई मारपीट का मामला सामने आया था. घटना के अगले ही दिन 18 अगस्त को नाराज गांववालों ने टोल पर जमकर हंगामा किया. इसके साथ ही यहां पर तोड़फोड़ भी देखने को मिला था. अब इसे लेकर टोल चलाने वाली कंपनी की तहरीर पर 150 से 180 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
टोल कंपनी ने लगाए ये आरोप
टोल कंपनी ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि 18 अगस्त को आसपास के गांवों के करीब 150 से 180 लोग भूनी टोल प्लाजा पर पहुंच गए. यहां उन्होंने शामली की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया और रोड पर बैठकर धरना प्रदर्शन दिया. कंपनी का आरोप है कि भीड़ ने नारेबाजी करते हुए टोल प्लाजा को जबरन फ्री करा दिया. इसके अलावा टोल कर्मियों के साथ जमकर मारपीट की गई.
करोड़ों का नुकशान
आरोप है कि भीड़ ने बैरियर बूम, कैमरे, कंप्यूटर सिस्टम, LCD डिस्प्ले, रीडिंग सेंसर और बूथों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. भीड़ इतने में ही नहीं रुकी, इसके बाद कंट्रोल रूम में घुसकर कैमरे, AC, फर्नीचर और अन्य चीजें भी तोड़ी गईं.
भूनी टोल प्लाजा संचालित करने वाली कंपनी M.S. धर्मसिंह कांट्रैक्टर के IT हेड अमित कुमार ने FIR में इन सभी घटनाओं का जिक्र किया गया है. उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ के चलते न केवल टोल संचालन में बाधा पहुंची बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.