अपने क्षेत्र में मिला शव, रिक्शे में रख दूसरे क्षेत्र में फेंक आए; हैरान कर देगा मेरठ पुलिस का कारनामा
मेरठ पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है. अपने क्षेत्र में मिले शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बजाय, दारोगा और सिपाही ने ई-रिक्शा में रखकर दूसरे थाना क्षेत्र में फेंक दिया. यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसके बाद एसएसपी ने दारोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में मेरठ पुलिस का बेरहम चेहरा एक बार फिर सामने आया है. रात के अंधेरे में मेरठ की पुलिस ने एक ऐसा काम कर दिया कि पूरी मानवता शर्मसार हो गई. यहां की पुलिस ने अपने क्षेत्र में मिले शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बजाय बड़ी बेदर्दी से उठाया, ई-रिक्शा में रखा और दूसरे थाना क्षेत्र में फेंक कर भाग गए. गनीमत रही कि दूसरे थाना क्षेत्र की पुलिस ने इस शव को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई में जुट गई. इसी दौरान इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
इसके बाद एसएसपी मेरठ ने एक चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. मामला मेरठ में लोहियानगर थाना क्षेत्र में गुरुवार की देर रात का है. वायरल हो रहे फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक सिपाही और एक होमगार्ड ई-रिक्शा में से शव निकालकर सड़क पर रखते हैं और वहां से फरार हो जाते हैं. वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए एसएसपी मेरठ ने मामले की जांच एसपी सिटी को दी. एसपी सिटी ने मामले की जांच की तो पता चला कि शव फेंकने वाले सिपाही राजेश और होमगार्ड रोहताश हैं. ये दोनों नौचंदी थाना क्षेत्र तैनात हैं.
दरोगा सिपाही सस्पेंड
जब इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि शव नौचंदी थाना क्षेत्र में मिला था. संबंधित चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बचने के लिए शव को दूसरे थाना क्षेत्र में फेंकवा दिया. संयोग से जहां शव फेंका गया, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा था और यह पूरी घटना इस कैमरे में कैद हो गई. इसके बाद एसएसपी ने दरोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही होमगार्ड के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए कमांडेंट होमगार्ड को लिखा है. मेरठ एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि इस मामले की विभागीय जांच भी कराई जा रही है.
इसलिए किया घिनौना काम
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस इलाके में शव मिला था, कायदे से संबंधित चौकी क्षेत्र के प्रभारी दरोगा की जिम्मेदारी और जवाबदेही बनती है. वहीं आगे उसी दरोगा को मामले की जांच करने और शव के पोस्टमार्टम कराने की जिम्मेदारी होती है. तीसरी बात यह कि उस दरोगा के क्राइम रिकार्ड में एक केस की बढोत्तरी हो जाती. इन सब पचड़ों से बचने के लिए दरोगा ने इस घिनौनी करतूत को अंजाम दिया. एसएसपी के मुताबिक विभागीय जांच में आरोप सही पाए गए तो दरोगा की नौकरी भी जा सकती है.
