हमारे सपनों के घर की चाबियां कहां हैं? आम्रपाली हार्टबीट सिटी के फ्लैट्स बायर्स का NBCC से सवाल

नोएडा के आम्रपाली हार्टबीट सिटी में फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को सालों बाद भी पजेशन नहीं मिला है. इसे लेकर सोसाइटी में फ्लैट खरीदने वालों में काफी गुस्सा है. इन लोगों ने अपने सपनों का घर खरीदने के लिए अपनी पूरी पूंजी लगा दी, लेकिन इंतज़ार अब भी जस का तस है.

आम्रपाली हार्टबीट सिटी के फ्लैट्स बायर्स का विरोध प्रदर्शन

नोएडा के सेक्टर 107 में बन रही आम्रपाली हार्टबीट सिटी सालों बाद भी बनकर तैयार नहीं हुआ है. इसका खामियाजा सोसाइटी में फ्लैट खरीदने वालों को चुकाना पड़ रहा है. अपने आशियाना का सपना संजोये ये लोग अब फ्लैट की चाबियों की डिमांड कर रहे हैं. महीनों से परेशानी झेलने के बाद आखिरकार इनका समय का बांध टूट पड़ा है. शनिवार को फ्लैट्स खरीददारों ने सोसाइटी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

हमारे ख़्वाबों के महल की चाबियां कहां हैं? जब पैसा भरपूर लिया तो क्वालिटी बदतर क्यों? ये सवाल हैं हाथों में तख्तियां लिए फ्लैट खरीदने वालों के. ये सवाल आज सिर्फ किसी पोस्टर पर नहीं लिखा था, बल्कि हर उस व्यक्ति की आंखों में था जिसने अपनी सारी जमा-पूंजी लगाकर अपने घर का सपना देखा था. लेकिन अपार्टमेंट ऑनर्स असोसिएशन (AOA) से लेकर नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) दफ्तरों तक उनकी आवाजों पर सन्नाटा पसरा है.

न लिफ्ट, न ही पानी की सप्लाई… कहां जाएं?

फ्लैट खरीदने वालों में से एक ने बताया है कि ये प्रोजेक्ट 2011-12 में शुरू हुआ था. लेकिन आम्रपाली बिल्डर्स के इश्यू के चलते इसे रोक दिया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दी. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को NBCC को सौंपा गया. इसके बाद सोसायटी का काम आगे बढ़ा. और 6 महीने के अंदर पजेशन देने का दावा किया. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी यह सोसायटी रहने लायक नहीं है.

उन्होंने बताया कि यहां पर कुल दो फेज का निर्माण किया जाना है जिसमें फेज वन और टू में कुल 1900 फ्लैट्स बनाए जाने हैं. NBCC ने कुछ लोगों को फ्लैट्स की चाबियां सौंपी हैं. लेकिन वो सभी भी परेशान हैं. अभी तक किसी भी टावर में लिफ्ट नहीं लगी है. न ही पानी की सप्लाई और कोई बेसिक सुविधाएं हैं. ऐसे में खरीददारों को यह समझ नहीं आ रहा कि वह जाएं तो कहां जाएं?

कॉमन एरिया मेंटेनेंस के नाम पर हो रही वसूली

सालों से परेशानी झेल रहे इन लोगों ने शनिवार को सोसाइटी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान फ्लैट्स के खरीददारों ने कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. साथ ही बताया कि फेज वन के निर्माण में सिर्फ 60 मजदूरों को लगाया गया है. जिससे काम पूरा होने में सालों लग जाऐंगे. इस मुद्दे को लेकर अस्थायी एओए ने अब तक कोई प्रयास नहीं किया. हद तो ये है कि उन्हें कोई डेट भी नहीं दी जा रही है.

AOA पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. इसका कहना है कि AOA मनमानी से काम कर रहा है. AOA के कुछ सदस्य खुद ही फ्लैटों में अवैध निर्माण कर रहे हैं. कॉमन एरिया मेंटेनेंस के नाम पर 3.95 रुपये प्रति वर्ग फीट वसूला जा रहा है. यह राशि बिना फ्लैट ऑनर्स के मीटिंग के तय की गई है. दस साल से ज्यादा की देरी का सामना कर रहे खरीदार अब भी मुआवजे या ब्याज माफी के समाधान का इंतज़ार कर रहे हैं.

NBCC के जीएम ने फिर से दिया आश्वासन

सोसायटी में फ्लैट ऑनर्स के विरोध प्रदर्शन के बाद NBCC के महाप्रबंधक आदित्य पालीवाल का भी जवाब आया है. उन्होंने कहा कि फ्लैट खरिददारों की परेशानी को लेकर जल्द ही एक संरचनात्मक ऑडिट किया जाएगा. साथ ही बताया कि नए ब्याज माफी पर भी चर्चा जारी है. फेज 1 में सिर्फ 60 मजदूर के काम करने के सवाल पर कोई तार्किक जवाब नहीं मिला. इस लचर व्यवस्था ने आज हजारों लोगों के सपने पर प्रहार किया है.