नैनी जेल की ‘फांसी घर’ में शिफ्ट हुआ अतीक का बेटा, बैरक में मिले थे 1100 रुपये

प्रयागराज की सेंट्रल नैनी जेल को प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल में से एक में गिना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है. माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक से कैश मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. जेल में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अली को सीसीटीवी फुटेज में नोट गिनते देखा गया, जिसके बाद जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.

अतीक अहमद का बेटा अली Image Credit:

प्रयागराज की सेंट्रल नैनी जेल में बंद माफिया के बेटे अली अहमद की बैरक को जेल प्रशासन ने बदल दिया है. जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आने के बाद अब अली को सबसे अलग बनी हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया है. अली के पास तलाशी में कैश मिलने के बाद डीजी जेल की तरफ से की गई कार्यवाही के बाद ये बदलाव किया गया है.

अली का जेल में अब यह होगा नया पता

यूपी की सबसे महफूज़ कही जाने वाली सेंट्रल नैनी जेल में जेल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही के बाद जेल प्रशासन इसे सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है. माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के पास जेल के अंदर जेल के नियमों के विपरीत 1100 रुपए कैश बरामद हुए. इस पर डीजी जेल ने संज्ञान लिया और दो जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया. साथ ही जेल अधिकारियों को फटकार लगाई है.

इसके बाद जेल प्रशासन ने अली अहमद की जेल को बदलने का भी फैसला किया है. अली को अब नैनी जेल की ‘फांसी घर’ वाली हाई सिक्योरिटी सेल शिफ्ट कर दिया गया है. इसका नया ठिकाना फांसी घर की हाई सिक्योरिटी सेल दूसरी बैरकों से काफी दूर और सुनसान जगह पर है. ऐसा करने के पीछे की वजह ये है कि अब उस पर आसानी से निगरानी की जा सकेगी. बैरक के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगे हैं जबकि, बाहर सुरक्षा कर्मियों का घेरा है.

क्या है हाई सिक्योरिटी सेल और बैरक

केंद्रीय कारागार नैनी में बड़े अपराधियों को रखने के लिए हाई सिक्योरिटी सेल और हाई सिक्योरिटी बैरक की व्यवस्था है. हाई सिक्योरिटी सेल में 6-8 फीट के 12 कमरे हैं जहां, एक कमरे में एक बंदी को रखा जाता है. यह एक अंडाकार सेल है, जिसमें हर कमरे एक-दूसरे के सामने पड़ते हैं.

हाई सिक्योरिटी बैरक में लगभग 24 कमरे हैं. एक कमरे में तीन से चार बंदियों को रखे जाने की व्यवस्था होती है. हाई सिक्योरिटी बैरक में इस समय उग्रवादी, बांग्लादेशी पाकिस्तानी और पीओके के बंदियों को रखा गया है. हाई सिक्योरिटी सेल और हाई सिक्योरिटी बैरक में रहने वाले बंदियों को विशेष परिस्थितियों पर ही सेल और बैरक से बाहर लाया जाता है.

सीसीटीवी में नोट गिनते दिखाई दिया अली

इस पूरे मामले में जेल प्रशासन की भारी लापरवाही उस समय सामने आई, जब अली को सीसीटीवी में नोट गिनते हुए देखा गया. जब डीजी जेल के ऑफिस स्टाफ ने सीसीटीवी मॉनिटरिंग में पाया कि अली से मिलने के लिए उसके वकील आए हुए थे. उसी मुलाकात के बाद अली जब बैरक में गया तो वह नोट गिन रहा था. हेड वॉर्डन संजय द्विवेदी ने अली के वकील का पहले सामान चेक किया. इसके बाद ही उन्हें मिलने के लिए अंदर जाने दिया.

वकील ने अली से मुलाकात की, फिर जेब से 1100 रुपए निकालकर अली को पकड़ा दिए. इन्हीं नोट को गिनते तस्वीरें सीसीटीवी से पकड़ी गई. डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव की जांच में इसकी रिपोर्ट जैसे ही डीजी के पास गई जेल के हेड वार्डन संजय द्विवेदी और डिप्टी जेलर कांति देवी को सस्पेंड कर दिया गया.