न नींद आएगी, ना होगा रोड हिप्नोटिज्म; 594 KM के गंगा एक्सप्रेसवे पर बिना रूके बिना थके ऐसे पूरा होगा सफर
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे 594 KM लंबे गंगा एक्सप्रेसवे की कई खूबियां हैं. माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे को कई अत्याधुनिक तकनीक के आधार पर डिजाइन किया गया है. इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाते समय वाहन चालकों को ना तो नींद आएगी और ना ही वह रोड हिप्नोटिज्म के शिकार होंगे. इसके लिए इस सड़क पर जगह जगह वाइब्रेटिंग लेन मार्कर और जगह-जगह रेस्ट एरिया जैसी खास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाने वाले सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे की ओपनिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. 98 फीसदी काम पूरा होने के साथ ही यूपीडा ने प्रगति रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है. वहीं सीएम योगी ने भी इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांग लिया है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी को इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर सकते हैं. उद्घाटन के दिन इस एक्सप्रेसवे पर आधा दर्जन से अधिक फाइट प्लेन भी उतरेंगे.
इससे पहले यूपीडा ने अगले हफ्ते से इस इस एक्सप्रेसवे को ट्रॉयल के लिए खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए बचे हुए दो फीसदी काम को हर हाल में 15 दिसंबर से पहले पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. यूपीडा के अधिकारियों के मुताबिक लोड टेस्टिंग और सिक्योरिटी टेस्टिंग में यह एक्सप्रेसवे खरा उतरा है. अब एक महीने के ट्रॉयल के बाद इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद लोग बिना रूके, बिना थके मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी का सफर तय कर सकेंगे.
नहीं होगा रोड हिप्नोटिज्म
अधिकारियों के मुताबिक यह एक्सप्रेसवे प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. इसलिए जाहिर तौर पर एक बार वाहन चालक इस एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के लिए बिना ब्रेक लिए लंबी दूरी तक गाड़ी चलाएंगे. ऐसी स्थिति में वाहन चालकों में रोड हिप्नोटिज्म का शिकार होने की वजह से हादसे होने की आशंका है. इस आशंका को ध्यान में रखते हुए यूपीडा ने ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है कि वाहन चालक रोड हिप्नोटिज्म के शिकार ना हों. इसके लिए रोड साइड कलरिंग, जगह जगह पर ‘वाइब्रेटिंग लेन मार्कर’ (VLM) या ‘रंबल स्ट्रिप’ (Rumble Strip) लगाए जा रहे हैं.
गाड़ी चलाते समय नहीं आएगी नींद
यूपीडा के अधिकारियों के मुताबिक गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाते समय वाहन चालकों को नींद नहीं आएगी. एक निर्धारित दूरी पर लगने वाले ‘वाइब्रेटिंग लेन मार्कर’ (VLM) या ‘रंबल स्ट्रिप’ (Rumble Strip) इसके लिए कारगर साबित होंगे. इसके बाद भी नींद आने पर वाहन चालक बीच बीच में बन रहे रेस्ट एरिया में थोड़ी देर के लिए गाड़ी रोककर रिफ्रेश हो सकते हैं. इन रेस्ट एरिया का अलाइनमेंट भी वैज्ञानिक पद्धति से किया गया है. यहां फूड प्लाजा, जनसुविधाएं और मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध होगी.
6 लेन चौडी है सड़क
गंगा एक्सप्रेसवे की चौड़ाई छह लेन रखी गई है. हालांकि भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा एक लेन साइड पटरी के लिए भी जगह छोड़ी गई है. इसमें अन्य एक्सप्रेसवे की तरह ही पहली लेन ओवरटेकिंग के लिए है. जबकि दूसरी लेन हल्के वाहनों के लिए है और तीसरी लेन भारी वाहनों के लिए. फिर एक लेन के बराबर चौड़ाई की साइड पटरी है. दूसरी लेन के लिए अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा रखी गई है, वहीं भारी वाहन 80 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से तीसरी लेन में फर्राटा भर सकेंगे.
8 CNG-पेट्रोल पंप लगेंगे
गंगा एक्सप्रेसवे पर दोनों साइड चार-चार सीएनजी-पेट्रोल पंप के लिए जमीन आवंटित की गई है. माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर कुल आठ पेट्रोलपंप हो सकते हैं. वहीं सीएनजी पंप की संख्या सात हो सकती है. अधिकारियों के मुताबिक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण तक इनमें से कुछ पेट्रोलपंप और सीएनजी पंप चालू भी हो जाएंगे. इन सभी पेट्रोलपंप या सीएनजी पंपों की लोकेशन इस एक्सप्रेसवे पर बनने वाले रेस्ट एरिया के आसपास ही रखा गया है. यहीं पर वाहनों में आने वाले संभावित तकनीकी दिक्कतों के समाधान के लिए वर्कशॉप की भी व्यवस्था की जा रही है.