1100 के किस फेर में फंसा माफिया अतीक का बेटा अली? नैनी जेल में अब हो रही 24 घंटे निगरानी; ये है मामला

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के पास नैनी जेल में 1100 रुपये मिलने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा है. इस मामले में डिप्टी जेलर और वार्डर को निलंबित किया गया है. इसी के साथ अली की निगरानी बढ़ा दी गई है. बताया जा रहा है कि यह पैसा किसी मुलाकाती ने दिया था. इसी के साथ अली से मुलाकात के नियम सख्त कर दिए गए हैं. अली के बैरक बदलने की अफवाह को जेल प्रशासन ने खारिज किया है.

नैनी जेल में बंद है अली Image Credit:

प्रयागराज में माफिया अतीक की कभी तूती बोलती थी. वहीं उसका बेटा चुटकी बजाकर लाखों का हेरफेर कर देता था. लेकिन वो गुजरा जमाना था. अतीक तो पहले ही मिट्टी मिल चुका है. अब उसके बेटे अली को 1100 रुपये भी हजम नहीं हो पा रहे. बल्कि इन्हीं 1100 रुपयों के लिए वह इस तरह से फेर में फंस गया है कि जेल में उसकी 24 घंटे निगरानी होने लगी है. इन्हीं 1100 रुपयों के फेर में प्रयागराज स्थित केंद्रीय कारागार नैनी की डिप्टी जेलर कांति देवी और वार्डर संजय द्विवेदी सस्पेंड भी हो चुके हैं.

आइए पूरी कहानी समझने की कोशिश करते हैं. अभी हाल ही में इस जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में सघन तलाशी हुई थी. इस दौरान माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के पास 1100 रुपये नकद मिले थे. चूंकि मामला हाईलाइटेड है, इसलिए खबर मिलते ही डीजी जेल पीसी मीणा ने तत्काल एक्शन लिया और डिप्टी जेलर कांति देवी के साथ वार्डर संजय द्विवेदी को सस्पेंड करते हुए इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई. इसी के साथ जेल के जिस बैरक में अली
तीन साल से बंद है, उसकी सुरक्षा व्यवस्था टाइट करते हुए 24 घंटे निगरानी के इंतजाम कर दिए गए.

अली के पास कहां से आए पैसे?

कड़ी सुरक्षा के बावजूद अली के पास नगद रुपये कहां से आए, यदि किसी ने रूपये दिया तो इसका टोकन क्यों नहीं लिया गया? इसी तरह के सवालों ने जेल के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अली से मिलने के लिए पिछले हफ्ते कोई मुलाकाती आया था. उसी ने अली को रुपये दिए थे. उस समय अली ने ये रुपये जमा कर टोकन लेने के बजाय अपने पास रख लिए थे. संयोग से अगले ही दिन तलाशी हो गई और पूरा मामला खुलकर सामने आ गया.

पहले परमिशन फिर मुलाकात

जेल प्रशासन ने अली से मुलाकात के लिए नियम भी कड़े कर दिए हैं. किसी भी मुलाकाती को अली से मिलने के लिए पहले जेल प्रशासन से परमिशन लेना होगा. पूरी तरह जांच के बाद यदि जेल प्रशासन परमिशन दे भी देता है तो सघन जांच के बाद ही मुलाकाती को अंदर भेजा जाएगा. इस दौरान मुलाकाती की भी तलाशी ली जाएगी. पर्ची से लेकर खर्ची तक कुछ भी अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी. इसी बीच एक और खबर तेजी से वायरल हो रही है. इसमें कहा जा रहा है कि अली का बैरक भी बदल दिया गया है. हालांकि जेल शासन ने इस बात को सिरे से खारिज किया है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल के मुताबिक अली की निगरानी बढ़ाई गई है, लेकिन बैरक में कोई बदलाव नहीं किया गया है.