माघ मेले में गंगा ने डाली अड़चन! पानी नहीं उतरने से बाधित हुई तैयारी, महाकुंभ की तर्ज पर होना है आयोजन
प्रयागराज में माघ मेला 2026 की तैयारी गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण बाधित हो रही है. अक्टूबर बीतने को है, पर पानी नहीं उतर रहा, जिससे पौष पूर्णिमा के स्नान से पहले की तैयारियों में देरी हो रही है. इस बार महाकुंभ की तर्ज पर होने वाले इस आयोजन के लिए केवल 25% जमीन उपलब्ध है, जिससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है.

प्रयागराज में गंगा की रेती पर हर साल आयोजित होने वाले माघ मेला 2026 की तैयारी में अब खुद गंगा ने ही खलल डाल दी है. अक्टूबर का महीना खत्म होने का है, लेकिन अभी तक गंगा का पानी उतरने का नाम ही नहीं ले रहा. जबकि तीन जनवरी पौष पूर्णिमा से ही माघ मेले का स्नान शुरू हो जाएगा. इस अड़चन को देख अब अधिकारियों के माथे पर पसीना छलक आया है. दरअसल इस साल माघ मेले का आयोजन महाकुंभ की तर्ज पर होना है.
फिलहाल प्रयागराज प्रशासन ने जितनी जमीन उपलब्ध है, उसी पर मेले के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए गंगा द्वारा छोड़ी गई जमीन को समतल करने से लेकर पांटून पुलों के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. इसी क्रम में प्रयागराज की मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ एक मीटिंग भी की है. इस मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि काली मार्ग, त्रिवेणी मार्ग और महावीर मार्ग पर बनने वाले पांटून पुलों के लिए टेंडर जारी हो चुका है. पुल बनाने वाली एजेंसी ने काम भी शुरू कर दिया है.
25 फीसदी जमीन उपलब्ध
माघ मेले के आयोजन के लिए निर्धारित जमीन में से अभी महज 25 फीसदी जमीन ही उपलब्ध है. अधिकारियों के मुताबिक इस जमीन के समतलीकरण का काम शुरू कर दिया गया है. तीन पांटून पुलों का निर्माण भी 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इस बीच उम्मीद है कि गंगा का पानी काफी उतर जाएगा. इसके बाद आगे का काम शुरू किया जाएगा. बता दें कि माघ मेले में तीन जनवरी को पौष पूर्णिमा का पहला शाही स्नान होगा. इससे पहले मेले में कल्पवासियों का जुटाना होना शुरू हो जाएगा.
15 अक्टूबर को शुरू होती है तैयारी
माघ मेले के लिए हर साल 15 अक्तूबर को तैयारियां शुरू की जाती हैं. चूंकि इस बार गंगा का पानी नहीं उतरा है, इसलिए तैयारियों में एक हफ्ते की देरी हुई है. फिलहाल हनुमान मंदिर से अक्षयवट मार्ग, संगम नोज और रामघाट की ओर जमीन के समतलीकरण का काम शुरू किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक छठ पूजा से पहले यह तीनों मार्ग तैयार हो जाएंगे. इसी क्रम में पांटून पुलों का काम भी तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं. कोशिश है कि सबसे पहले महावीर मार्ग पुल चालू हो जाए. इसके बाद बाकी दोनों पुलों का काम पूरा होगा.