बाढ़ के बाद बढ़ रहीं लोगों की मुसीबतें… कीचड़ से फैल रहीं संक्रामक बीमारियां
प्रयागराज में भीषण बाढ़ के बाद जहां एक तरफ बाढ़ का पानी धीरे- धीरे घटता दिखाई दे रहा है तो वहीं जमा हुए कीचड़ के चलते नई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा पैदा हो गया है. इकट्ठा हुए कीचड़ से संक्रामक बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है. ऐसे में लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं.

महाकुंभ के बाद प्रयागराज में आई भीषण बाढ़ पर सबकी नजर है. कई दिनों से शहर में गंगा का पानी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है लेकिन यमुना नदी में बाढ़ का पानी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे आया है. जिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी कम हुआ हैं वहां अब लोगों को मुश्किलें और बढ़ रही हैं.
नदियों द्वारा जमा की गई मिट्टी और की कीचड़ से पूरा इलाका दलदल में तब्दील हो गया है. इसके बाद अब यहां संक्रामक बीमारियों का खतरा पैदा हो रहा है. जिसके चलते लोगों की चिंताएं बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं.
घट रहा पानी लेकिन बढ़ रहीं मुसीबतें
प्रयागराज में बुधवार शाम 4 बजे से दोनों नदियों के कम हो रहे जलस्तर से प्रशासन ने राहत की सांस ली है. हांलाकि गंगा नदी अभी फाफामऊ में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि यमुना नदी का खतरे के निशान से थोड़ा सा नीचे आई है. जैसे- जैसे नदियों का पानी कम हो रहा है उसके साथ ही लोगों के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कीचड़ और गंदगी से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है.
लोगों का कहना है कि नगर निगम की टीमें यहां हाथ पर हाथ रखकर बैठी हैं. सलोरी और छोटा बघाड़ा इलाके के लोग खुद ही अपने घरों से कीचड़ हटाने में लगे हैं. इन इलाकों के 9हजार से भी ज्यादा लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं. इनमें से अब तक 784 लोग बीमार हुए हैं. जिनका राहत शिविरों में ही इलाज किया जा रहा है.
जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर
जिला प्रशासन के लिए भी इन इलाको में संक्रामक बीमारियो से निपटना बड़ी चुनौती बनी हुई है. शहर की 2 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें अभी केवल बाढ़ राहत शिविरों में ही लगाई गई हैं. प्रयागराज के CMO डॉ ए. के तिवारी के मुताबिक अभी केवल बाढ़ राहत चौकियों में ही स्वास्थ्य टीमें भेजी गई हैं. हर राहत केंद्र में 7 स्वास्थ्य कर्मी मौजूद हैं.
122 डॉक्टरों की ड्यूटी भी राहत शिविरों में लगाई गई है लेकिन अभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में कोई शिविर नहीं लगाए गए हैं. उनका कहना है कि 5 हजार मेडिसिन किट मंगाई गई हैं, जो इन क्षेत्रों में बांटी जाएंगी. इनमें ORS , पैरासिटामॉल टैबलेट के अलावा बेसिक दवाएं शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हेल्पलाइन लाइन भी जारी किया गया है. कोई भी पीड़ित 644644 पर कॉल करके स्वास्थ्य मदद ले सकता है.



