दिल्ली से लखनऊ जाना मालदीव जाने से भी हुआ महंगा, एयर टिकट पहुंचा 25 हजार के पार
दिवाली पर घर जाना महंगा हो गया है. फ्लाइट की टिकटों में इस वक्त रिकॉर्ड उछाल है. लखनऊ -दिल्ली का एयर फेयर 20 से 25 हजार रुपये के बीच पहुंच गया है. ऐसे में लोगों के लिए घर जाने के लिए इतना ज्यादा किराया देकर ही घर जाने का विकल्प बचा है.

दिवाली और छठ के मौके पर घर वापसी की राह देख रहे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यात्रा बेहद महंगी और कठिन हो गई है. ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल है. इसके चलते हवाई किराए में भी आसमानी वृद्धि हुई है. माना जा रहा है दिवाली के एक दिन पहले तक इस किराए में और भी इजाफा होगा.
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से प्रस्तावित 52 स्पेशल ट्रेनों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है. इस बीच लखनऊ से प्रमुख शहरों के लिए हवाई किराया कई गुना बढ़ गया है. सामान्य दिनों में जहां लखनऊ से मुंबई का टिकट 5,000 रुपये में मिल जाता था, वहीं अब यह 25,723 रुपये तक पहुंच गया है.
22 हजार के पार पहुंचा लखनऊ से दिल्ली का किराया
इंडिगो की 26 अक्टूबर को लखनऊ-मुंबई की सीधी उड़ान का किराया 24,336 रुपये, एयर इंडिया एक्सप्रेस का 22,085 रुपये और एयर इंडिया की उड़ान 25,723 रुपये हो गया है. इसी तरह लखनऊ से दिल्ली का किराया, जो सामान्य दिनों में 3,000 रुपये के आसपास रहता है, अब 22,165 रुपये तक पहुंच गया है. इंडिगो की सुबह की दिल्ली उड़ान का टिकट 8,248 रुपये और एयर इंडिया की उड़ान 15,523 रुपये है.
लखनऊ से बेंगलुरु की अकासा एयर की उड़ान 16,301 रुपये, इंडिगो की 20,992 रुपये और एयर इंडिया एक्सप्रेस का किराया 22,165 रुपये तक पहुंच गया है. एयरलाइन अधिकारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से किराए में उछाल आया है. ट्रेनों में कन्फर्म टिकट न मिलने के कारण यात्री हवाई यात्रा की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे किराए और बढ़ रहे हैं.
स्पेशल ट्रेनों का इंतजार, मंजूरी में देरी
दशहरा बीत चुका है और दीपावली व छठ नजदीक हैं, लेकिन उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के 52 स्पेशल ट्रेनों के प्रस्ताव को अभी तक रेलवे बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिली है. ये ट्रेनें लखनऊ से पटना, कोलकाता, चंडीगढ़, जम्मू, अहमदाबाद, दिल्ली और मुंबई जैसे रूटों पर चलाई जानी हैं. इनके संचालन से हजारों यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है.
यात्रियों की परेशानी बढ़ेंगी
लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के लिए समयसारिणी और रैक-बोगियों की व्यवस्था कर ली गई है, लेकिन बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है. मंजूरी मिलते ही ट्रेनें पटरी पर उतारी जाएंगी. वहीं, दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी नहीं मिली तो यात्रियों की परेशानियां और बढ़ेंगी.
यात्रियों संख्या के आगे रेलवे के इंतजाम नाकाफी
बता दें कि लखनऊ से दिल्ली, मुंबई, पंजाब और हावड़ा रूट की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी है और कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में स्पेशल ट्रेनें यात्रियों के लिए एकमात्र सहारा हैं. बिहार, पंजाब, जम्मू रूट पर कुछ राहत रेलवे ने बिहार, मुंबई, पंजाब और जम्मू रूटों पर कुछ पूजा स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है. लेकिन यह मांग के सामने नाकाफी है. यात्रियों का कहना है कि मंजूरी में देरी और सीमित ट्रेनों के कारण उनकी त्योहारी यात्रा की योजना पर असर पड़ रहा है.