‘जैश’ का टारगेट एक और मॉड्यूल दो… PAK के बहावलपुर में रची साजिश, सहारनपुर और गुजरात बना वार रूम

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद की बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है. यह योजना पाकिस्तान के बहावलपुर में रची गई थी, जिसका लक्ष्य दिल्ली, RSS और अन्य धार्मिक स्थलों पर बड़े धमाके करना था. इसके लिए दो मॉड्यूल बनाए गए, जिनमें फरीदाबाद मॉड्यूल में केवल डॉक्टर शामिल थे. सुरक्षा एजेंसियां करीब छह महीने से इन दोनों की निगरानी कर रही थीं.

दिल्ली में ब्लास्ट Image Credit:

दिल्ली धमाके की कड़ियां अब धीरे धीरे साफ होने लगी हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच में साफ हो चुका है कि यह धमाका तो मकसद ही नहीं था, बल्कि मकसद इससे कहीं बहुत बड़ा था. जिसकी साजिश महीनों पहले पाकिस्तान अधिकृत बहावलपुर में रची गई थी. इसे अंजाम देने के लिए कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दो मॉड्यूल खड़े किए थे. इनमें से फरीदाबाद माड्यूल को दिल्ली टारगेट दिया गया था. इसी प्रकार गुजरात मॉड्यूल का लक्ष्य आरएसएस कार्यालय थे.

जांच एजेंसियों की मानें तो देश में बड़ा उत्पात खड़ा करने की योजना थी. इसके लिए दर्जनों धार्मिक स्थलों में बड़े धमाके किए जाने थे. यदि आतंकी अपनी योजना में सफल हो जाते तो धमाका ऐसा होता कि संदेश पूरे भारत ही नहीं दुनिया में जाता. दहशत इस कदर फैलाना था कि भारत के लोगों का अपने ही देश की चुनी हुई सरकार से भरोसा टूट जाए. हालांकि समय रहते एक्टिव हुई सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है.

छह महीने से रडार पर थे दोनों मॉड्यूल

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद की मंसूबों की खबर छह महीने पहले ही मिल गई थी. उस समय तक इस आतंकी संगठन ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लेकर हरियाणा के फरीदाबाद तक और गुजरात के अलग क्षेत्रों में पांव पसारना शुरू कर दिया था. संबंधित इनपुट के आधार पर सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही थीं. इसी क्रम में पिछले दिनों गुजरात पुलिस ने एक्यूआईएस माड्यूल का खुलासा कर दिया. इसकी खबर सहारनपुर आई तो डॉ. आदिल और उसकी टीम के लोग सतर्क हो गए. हालांकि ये कुछ करते, इससे पहले आदिल को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.

दिल्ली दहलाने पर ज्यादा फोकस

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने दिल्ली दहलाने पर ज्यादा फोकस किया था. इसलिए दिल्ली से करीब सहारनपुर को वॉररूम बनाया. वहीं वारदात को अंजाम देने के लिए फरीदाबाद को सेंटर पॉइंट बनाया था. चूंकि फरीदाबाद मॉड्यूल में सभी डॉक्टर थे, इसलिए इन्होंने हथियार में अपने तरीके से बनाए. इनके लिए अमोनियम नाइट्रेट और फर्टिलाइजर की व्यवस्था करना कोई मुश्किल नहीं था. इसके बाद डॉ. शाहीन द्वारा खड़ा किए स्लीपर सेल के जरिए दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर धमाकों को अंजाम दिया जाना था. सुरक्षा एजेंसियां इस स्लीपर सेल के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गई हैं.

हैरान कर देगा कम्युनिकेशन माध्यम

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ये दोनों मॉड्यूल आपस में तो कनेक्टेड नहीं थे, लेकिन दोनों को उनके हैंडलर टेलीग्राम और गेमिंग ऐप से नियंत्रित और निर्देशित करते थे. पुलिस के मुताबिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरिफ मीर के डिजीटल डेटा की जांच में पता चला है कि वह गेमिंग ऐप के जरिए ना केवल डॉ. उमर के संपर्क में था, बल्कि पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से भी इसी ऐप के जरिए बात करता था. डॉ. आरिफ ने देश के कई सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का एक वॉट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप भी बनाया था.