संभल: 8 बीघे में तालाब की जमीन पर कैसे बने 80 मकान? प्रशासन ने कहा- ‘खाली करो वरना तैयार है बुलडोजर’
उत्तर प्रदेश के संभल में 8 बीघे जमीन पर फैले सरकारी तालाब पर अवैध कब्जा कर 80 इमारतें बना दी गईं. सरकारी रिकॉर्ड में तालाब होने के बावजूद प्लॉटिंग कर घर बसा लिए गए. अब तहसील प्रशासन ने सभी मकान मालिकों को नोटिस जारी कर 15 दिन में जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. कोर्ट के आदेश पर बुलडोजर एक्शन की तैयारी है, जिससे निवासियों में हड़कंप मच गया है.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले से अब तक खबरें आ रही थीं कि मंदिरों पर कब्जा किया गया, कुएं पाट दिए गए. लेकिन, अब यहां से तालाब कब्जा कर प्लॉटिंग का बड़ा मामला सामने आया है. यहां 8 बीघे के तालाब को कब्जा कर उसपर ना केवल प्लॉटिंग कर दिया गया, बल्कि 80 इमारतें तक बना दी गई. अब तहसील द्वारा कराए गए सर्वे में खुलासा होने के बाद सभी मकान मालिकों को नोटिस दिया गया है. उन्हें 15 दिन के अंदर जमीन को खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है. चेतावनी दी गई है कि प्रशासन का बुलडोजर एक्शन के लिए तैयार है.
प्रशासन के इस नोटिस के बाद हड़कंप मच गया है. मामला संभल के हातिम सराय का है. प्रशासन के मुताबिक यहां हाल तक 8 बीघे का तालाब था. यह तालाब आज भी सरकारी रिकॉर्ड में तो है, लेकिन मौके पर यहां भव्य इमारतें खड़ी हैं. जिस जमीन पर कभी लहरें उठती थीं, आज वहां दीवारें बनी हैं. मामले का खुलासा होने के बाद शनिवार को तहसील की एक टीम यहां मौका मुआयना करने पहुंची. इस टीम ने सरकारी नक्शे के आधार पर जमीन की पैमाइश करने के बाद सभी मकानों पर नोटिस चस्पा किया है.
कोर्ट के आदेश के तहत होगा एक्शन
तहसील प्रशासन ने इस नोटिस में साफ तौर पर लिखा है कि यह जमीन सरकारी तालाब की है और कोर्ट के आदेश के मुताबिक तालाब की जमीन पर किसी हाल में कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तहसीलदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक कोर्ट के आदेश के तहत ही कार्रवाई होगी. इस आदेश के तहत तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों पर सीधा एक्शन होगा. इसमें किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं होगी.
तैयार खड़ा है बुलडोजर
उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी लोगों को जमीन खाली करने और अपने निर्माण ढहाने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है. तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक इस जमीन को खाली कराने के लिए प्रशासन के बुलडोजर तैयार खड़े हैं. 15 दिन का समय पूरा होते ही ये बुलडोजर गरज पड़ेंगे. बता दें कि तालाब की इस जमीन पर कुछ साल पहले कब्जा हुआ था और प्लॉटिंग कर जमीन टुकड़ों में बेच दी गई. इसके बाद इस जमीन पर 80 परिवारों का एक पूरा मोहल्ला बस गया.
नोटिस मिलते मचा हड़कंप
अब प्रशासन की नोटिस के बाद यहां के वासिंदों में हड़कंप मच गया है. लोग कह रहे हैं कि वह यहां पांच छह साल से रह रहे. जमीन खरीद कर घर बनाया और हाउस टैक्स, पानी और बिजली का बिल भर रहे हैं. यदि यह अवैध है तो पहले ही क्यों नहीं रोका गया. इसी के साथ लोगों ने सवाल उठाया कि जमीन अवैध थी तो सरकार ने यहा रोड और बिजली की लाइनें क्यों बिछाईं?