‘आप कुंवारी हैं, लोन नहीं मिल पाएगा…’, बैंक मैनेजर ने दिया अजीबोगरीब कारण
यूपी के अलीगढ़ में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के तहत लोन लेने गई लड़की को बैंक मैनेजर ने ये कहकर लोन देने से मना कर दिया कि वो अनमैरिड है. इसलिए उसे इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. जबकि स्कीम में इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया गया है कि अनमैरिड युवाओं को कर्ज न दिया जाए.

जहां एक तरफ सीएम योगी युवाओं को रोजगार और उद्यम से जोड़कर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं तो वहीं प्रदेश में कई अफसर ऐसे भी हैं, जो सरकार के नियमों को ताक पर युवाओं को निराश कर रहे हैं. ऐसा ही मामला आया है यूपी के अलीगढ़ से.
मैनेजर ने खारिज किया लोन
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए CM योगी की एक अहम स्कीम है- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना. इस योजना के तहत सरकार युवाओं को लोन देकर उन्हें उद्यम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. अलीगढ़ में जब एक युवती इसी स्कीम के तहत लोन अप्लाई करने बैंक गई तो मैनेजर ने उसे ये कहते हुए लोन देने से मना कर दिया कि वो कुवांरी है और कुवांरे लोगों को लोन नहीं मिलता. जबकि इस स्कीम में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है. न ही अनमैरिड लोगों को लोन देने से मना किया गया है.
इन युवाओं को मिलता है लोन
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (MYUVA) की बात करें तो इस योजना के तहत 21 से 40 वर्ष की उम्र के युवाओं को सरकार 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन मुहैया कराती है. इसमें उनके लिए जो क्राइटेरिया रखा गया है, उनमें न्यूनतम 8वीं कक्षा पास होना और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण (जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन) या शैक्षणिक संस्थान से कौशल संबंधी प्रमाणपत्र/डिप्लोमा/डिग्री का होना है.
बड़े पैमाने पर रिजेक्शन
इसी पर बात करते हुए अलीगढ़ के संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की पिछली समीक्षा में ये पाया गया कि जिलेभर में 3500 से अधिक युवाओं ने आवेदन किए थे. इसमें महज 900 आवेदन ही लोन के लिए अप्रूव किए गए.
इतने बड़े पैमाने पर रिजेक्शन रेशियो के बारे में जब बैंक अधिकारियों से बात की गई तो उनकी तरफ से कहा गया कि आवेदक इसकी क्राइटेरिया पूरी नहीं करते हैं, लेकिन जब जमीनी हकीकत देखी गई तो बात कुछ और ही निकली. उनका कहना है कि बैंक मैनेजर कई बार बेबुनियाद कारण बताकर लोगों को लोन देने से मना कर देते हैं.