UP में नहीं बंद होगा कोई प्राथमिक स्कूल, न ही शिक्षकों के स्वीकृत पद होंगे खत्म

बेसिक शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस पेयरिंग से कोई भी प्राथमिक स्कूल बंद नहीं होगा और न ही शिक्षकों के पद समाप्त होंगे. इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्रों के हितों की रक्षा करना है. पेयरिंग का मतलब किसी भी विद्यालय को बंद करना नहीं है. मंत्री ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

उत्तर प्रदेश प्राइमरी स्कूल (फाइल फोटो) Image Credit: ट्विटर

उत्तर प्रदेश में विलय के फैसले से कोई भी प्राथमिक स्कूल बंद नहीं होगा और न ही शिक्षकों के स्वीकृत पद समाप्त किए जाएंगे. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने गुरुवार को प्रदेश में विद्यालयों की पेयरिंग की प्रक्रिया पर यह बात रखी है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि ‘युक्तियुक्तकरण’ (rationalization) के तहत, केवल प्रशासनिक समायोजन किया जा रहा है, जिससे स्कूलों को बंद करने या पदों को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है.

उन्होंने बताया कि पेयरिंग की प्रक्रिया छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है. पेयरिंग का मतलब किसी भी विद्यालय को बंद करना नहीं है. न ही कोई पद कम अथवा समाप्त किया जा रहा है. पेयर होने वाले किसी भी प्राथमिक विद्यालय की दूरी एक किलोमीटर से अधिक नहीं होगी. यूपी में 10,000 स्कूलों को मर्ज करने के लिए चिह्नित किया गया है, जिनमें 50 से कम छात्र हैं.

तीन शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य होगी

मंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में इस प्रक्रिया को लेकर शिकायतें आई थी, जिसे गंभीरता से लिया गया और जहां आवश्यक था, वहां विद्यालयों में पहले जैसा चलाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने किसी भी विद्यालय को स्थायी रूप से पेयर नहीं किया है. अगर कहीं बैठने की असुविधा होगी या बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो पुराने भवन में फिर से संचालन की व्यवस्था की जाएगी, UDISE कोड यथावत रहेगा.

उन्होंने बताया कि सरकार का यह भी प्रयास है कि 15 अगस्त तक कोई भी विद्यालय खाली न रहे. सभी विद्यालयों में प्री प्राइमरी और बाल वाटिका संचालित हो जाएं. पेयरिंग के माध्यम से प्रत्येक कक्षा के लिए शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी. 50 तक छात्र नामांकित वाले विद्यालयों में तीन शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य होगी. इससे बच्चों को शिक्षा का पूर्ण वातावरण मिल सकेगा.

‘पीडीए पाठशाला’ पर भी साधा निशाना

मंत्री ने बताया कि बाधित भौगोलिक स्थितियों वाले विद्यालयों को इस प्रक्रिया से अलग रखा गया है. शिक्षकों और रसोइयों की भूमिका इस प्रक्रिया में यथावत रहेगी. किसी भी पद को समाप्त नहीं किया जा रहा हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि पेयरिंग से आगामी शिक्षक भर्ती में कोई रुकावट या पदों की कमी नहीं की जाएगी. मंत्री ने समाजवादी पार्टी की ‘पीडीए पाठशाला’ पर भी निशाना साधा.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सरकार छात्रों और प्रदेश के हित में काम कर रही है. यह कोई नया निर्णय नहीं है. इसकी चर्चा और तैयारी शुरू साल 2024 से हो चुकी थी. इससे पहले राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और एमपी में स्कूलों का विलय किया जा चुका है. मंत्री ने कहा कि सपा सरकार में बच्चों का हक छीना गया और स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थी.