यूपी में गंगा-यमुना उफान पर, 12 जिलों में बाढ़ का कहर, भारी बारिश से 7 लोगों की मौत, सरकार अलर्ट
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश की वजह से 14 जिलों में बाढ़ का कहर है. इन जिलों में लगभग 85,000 लोग प्रभावित हुए हैं. प्रयागराज में कई गांवों का संपर्क टूट गया है. गंगा और यमुना नदी डेंजर लेवल से ऊपर है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'टीम 11' फील्ड में सक्रिय हैं.

उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून फूल एक्टिव मोड में है. प्रदेशभर में लगातार बारिश का दौर जारी है. यूपी के लगभग हर एक जिले में इस बार अच्छी बरसात हुई है. इसके चलते नदी-नाले उफान पर हैं, गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. यूपी के करीब 14 जिले इस समय बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं, जिससे लगभग 85,000 लोग प्रभावित हैं.
भारी बारिश और बाढ़ के चलते प्रयागराज में कई गांवों का संपर्क टूट गया है. गंगा के बढ़ते जलस्तर से वाराणसी में स्थिति भयावह हो गई है. खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा अब रौद्र रूप ले रही है और शहर में प्रवेश करने को तैयार है. बांदा में केन और यमुना दोनों डेंजर लेवल से 2 मीटर ऊपर बह रही है. वहीं, सरकार इसको लेकर फूल अलर्ट है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं.
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, वाराणसी में राजघाट के पास गंगा नदी के जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गय़ा है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर बढ़कर 71.262 मीटर पर पहुंच गया है. जबकि चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है. वहीं, गंगा नदी 3 सेमी हर घंटा की दर से बढ़ रही है. इसको देखते हुए राहत और बचाव टीमों को तैनात किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने के साथ दवाएं पहुंचाई जा रही है.

सीएम योगी ने बीते दिन बाढ़ की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की एक विशेष टीम का गठन किया है, जिन्हें 24×7 फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं. वाराणसी का जिम्मा मंत्री सुरेश खन्ना को दिया गया है. जहां वह बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री बांट रहे हैं. वहीं, प्रशासन की और से वाराणसी में बाढ़ से निपटने के लिए 23 नावों की तैनाती की गई है.
प्रयागराज में कई गांवों का संपर्क टूटा
प्रयागराज में भी बाढं का कहर है. गारापुर-झूंसी मार्ग पूरी तरह डूब चुका है. वहीं, प्रयागराज से बदरा, सोनौटी, ढोलबजवा और पुरवा गांवों का संपर्क टूट चुका है. प्रयागराज में 19 नावों और मोटर बोट लगाई गई है. जबकि करीब 88 बाढ़ चौकी स्थापित की गई. वहीं, एसडीआरएफ और NDRF की एक एक टीम के साथ पीएसी की दो टीमें तैनात हैं. प्रशासन ने 1375 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा है.

जालौन, औरैया और हमीरपुर में भी अलर्ट
राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक जल के कारण औरैया में बहने वाली यमुना नदी विकराल रूप धारण कर चुकी है. यमुना नदी के पानी के कारण औरैया और अजीतमल तहसील के लगभग 1 दर्जन ग्राम बाढ़ प्रभावित हुए. यहां जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कमान सौंपा गया है. उन्होंने आज क्योटरा ग्राम में पहुंचकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया.

औरैया को देखते हुए औरैया में 26 नावों और मोटर बोट लगाई गई. करीब 9 बाढ़ चौकी स्थापित की गई हैं. जबकि जालौन में यमुना और बेतवा नदियों के जलस्तर बढ़े हुए हैं. जालौन में 62 नावों और 31 मोटर बोट लगाई गई और करीब 27 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है. वहीं, हाल हमीरपुर की भी है. यहां 1330 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. प्रशासन ने 8 नावों और मोटर बोट के साथ 17 बाढ़ चौकी स्थापित की है.
चंदौली और गाजीपुर में बाढ़ का कहर
चंदौली में गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. यहां के रिहायशी इलाकों में गंगा का पानी घुस रहा है. इससे लोगों के साथ पशुओं के चारे की समस्या बढ़ गई है. जिलाधिकारी चन्द्रमोहन गर्ग ने खाना, पशुओं को चारा, दवा की छिड़काव के निर्देश दिए हैं. जबकि गाजीपुर के ददरी घाट पर इन दिनों गंगा का पानी एकदम गंगा घाट की सीढ़िया तक पहुंच गया है.
मिर्जापुर-बलिया में सैकड़ों गांव प्रभावित
मिर्जापुर में गंगा नदी में उफान के कारण बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में पहुंच गया है. ग्रामीणों को पलायन करना पड़ रहा है. सदर और चुनार तहसील के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. किसानों के हजारों एकड़ फसल जलमग्न है. कई गांव का संपर्क तक टूट गए हैं. जबकि, पूरे बलिया जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके जलते कुछ वार्ड और कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
आगरा और बांदा में बाढ़ से काफी नुकसान
आगरा के चंबल नदी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. चंबल में आई बाढ़ से आसपास के करीब 38 गांव जलमग्न हैं. लोग पलायन को मजबूर हैं. कई मकान को नुकसान पहुंचा हैं. आगरा में 2 नावों और मोटर बोट लगाई गई है. जबकि करीब 47 बाढ़ चौकी बनी है. वहीं, बांदा में केन और यमुना नदी डेंजर लेवल से 2 मीटर ऊपर बह रही है. 2 से 3 गांव ज्यादा प्रभावित है.
बाढ़ राहत के लिए ग्राउंड ज़ीरो पर टीम योगी
सीएम योगी ने बाढ़ राहत के लिए टीम 11 गठित की है. इसमें 11 मंत्री शामिल हैं, सभी को एक-एक जिले का कमान सौंपा गया है. ये सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ही रात्रि विश्राम करेंगे. सीएम योगी ने सभी जिलों को अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी मंत्री फील्ड में सक्रिय हैं और मुख्यमंत्री को पल-पल की रिपोर्ट दे रहे हैं. भारी बारिश से अबतक 7 लोगों की मौत हो चुकी है.



