यूपी ब्यूरोक्रेसी में सीएम योगी के लिए क्यों जरूरी हैं संजय प्रसाद? ढाई दशक पुराना है रिश्ता
1995 बैच के आईएएस ऑफिसर संजय प्रसाद, वर्तमान में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं. संजय प्रसाद यूपी ब्यूरोक्रेसी में जिस जगह पर हैं वहां आज तक कोई दूसरा पहुंच नहीं पाया है. फिलहाल वह सीएमओ में सबसे प्रभावशाली अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चहेते हैं. साथ ही ढाई दशक से योगी के करीबी हैं.

आईएएस अधिकारी संजय प्रसाद को 2 सितंबर 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव के तौर तैनात हुए थे. मौजूदा समय में संजय प्रसाद के पास 5 से ज्यादा और वो भी बड़े विभाग हैं. ये सीएम योगी का ढाई दशक का भरोसा ही है कि संजय प्रसाद यूपी ब्यूरोक्रेसी में सबसे सबसे शक्तिशाली अधिकारी हैं. ब्यूरोक्रेसी का सबसे बड़ा BOSS वैसे तो मुख्य सचिव होता है. लेकिन जिनके पास 5 बड़े विभाग के साथ प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री का पद भी है तो व्यवहार में वही सबसे ताकतवर होता है.
अब तक पंचम तल यानी सीएम ऑफिस में सबसे ताकतवर एसपी गोयल थे. उनके मुख्य सचिव बन जाने के बाद उनका विभाग भी अब संजय प्रसाद के पास है. ऐसे में संजय प्रसाद पंचम तल पर सबसे ताकतवर अधिकारी है. वैसे संजय प्रसाद पहले भी प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री थे. लेकिन, एसपी गोयल उनसे सीनियर थे और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री थे. अब संजय प्रसाद प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव सूचना के साथ ही उड्डयन और राज संपति विभाग के भी प्रमुख सचिव होंगे.
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि संजय प्रसाद सीएम के बेहद करीबी और ताकतवर अधिकारी है. उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें प्रमुख सचिव गृह के पद से हटाया था. लेकिन, सरकार बनने के कुछ दिनों बाद सीएम ने उन पर फिर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा गृह की जिम्मेदारी दी. संजय प्रसाद के पास जो पांच अहम विभाग है, वो सभी मुख्यमंत्री से जुड़े हुए हैं और इसीलिए कहा जा रहा है कि संजय प्रसाद मुख्यमंत्री के सबसे करीबी अधिकारी है.
कौन हैं CM योगी के करीबी संजय प्रसाद
संजय प्रसाद मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. 23 मई 1971 को बिहार के सीतामढ़ी जिले में जन्मे संजय प्रसाद ने कला में स्नातकोत्तर (एमए) की उपाधि हासिल की. वर्ष 1995 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए. 1995-1996 मंसूरी में ट्रेनिंग करने बाद 1996 आजमगढ़ में सहायक मजिस्ट्रेट एवं सहायक कलेक्टर (प्रशिक्षण) के दौरान पहली तैनाती मिली. तब से वह यूपी सरकार में कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं.

वह पहली बार 1999 में योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए थे. जब एक युवा आईएएस अधिकारी के रूप में वे 1999 से 2001 तक गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात थे. आदित्यनाथ का उस समय गोरखपुर से सांसद के रूप में राजनीति में नया नया प्रवेश हुआ था. संजय प्रसाद ने 2002-2003 तक गोरखपुर के पड़ोसी महराजगंज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया और उसके बाद अयोध्या, बहराइच, फिरोजाबाद और आगरा जिलों के डीएम रहे.
मायावती और अखिलेश सरकार में भी किया काम
उन्होंने बसपा और समाजवादी पार्टी के शासन में भी वरिष्ठ पदों पर कार्य किया. 2009 में जब मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब उन्हें गृह विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया गया और बाद में 2014 में लगभग छह महीने के लिए अखिलेश यादव के शासन में गृह विभाग के सचिव के पद पर नियुक्त किया गया. इस बीच, प्रसाद ने उद्योग, आईटी, जेल, चिकित्सा और स्वास्थ्य जैसे विभागों का प्रभार संभाला. 2015 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त सचिव और फिर रक्षा में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया, जिस पद पर वे 2019 तक रहे.
सीएम के तौर पर आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दो साल बाद संजय प्रसाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आए और उन्हें कुछ समय के लिए बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास विभाग के सचिव का पदभार दिया गया. छह महीने बाद, सितंबर 2019 में उन्हें सीएम का सचिव बनाया गया और तब से वे आदित्यनाथ के करीबी तौर पर काम कर रहे हैं. 2022 -23 में यूपी के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह अवनीश कुमार अवस्थी की सेवानिवृत्ति ने योगी सरकार के भीतर संजय प्रसाद के दबदबे को और बढ़ा दिया.
वह हमेशा से सीएम के विश्वसनीय हैं- पूर्व मुख्य सचिव
सीएमओ में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रसाद की जिन खूबियों के कारण उन्हें आदित्यनाथ का विश्वास मिला है, उनमें यह भी शामिल है कि ‘वे सतर्क रहते और परिस्थितियों पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं, जो कि उनके पद के लिए आवश्यक है.’ सूत्रों ने कहा कि संजय प्रसाद के मजबूत पारस्परिक कौशल का मतलब है कि उनके हर जगह दोस्त हैं. यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण का कहना है कि ये मुख्यमंत्री का अधिकार होता है कि वो किसी को भी प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह या अन्य विभागों की जिम्मेदारी दे सकता हैं.

उन्होंने कहा कि संजय प्रसाद हमेशा से सीएम योगी के काफी विश्वसनीय अधिकारी भी हैं. मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए थोड़ी निर्णय लेने के लिए संजय प्रसाद को सभी जिम्मेदारी दिए संजय प्रसाद एक अच्छे अधिकारी माने जाते हैं. जब मैं मुख्य सचिव था तो उस दौरान यह सूचना विभाग में कार्यरत थे. उनकी कार्यशैली की हमेशा तारीफ होती थी. मेरी जानकारी में ऐसा पहली बार हुआ है की प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव गृह एवं प्रमुख सचिव सूचना की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी को दी गई है.
यूपी ब्यूरोक्रेसी में संजय प्रसाद का कद बहुत बड़ा
संजय प्रसाद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘दाहिने हाथ’ और राज्य के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह के रूप में जाना जाता है. अपनी प्रशासनिक कुशलता और प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए चर्चा में रहते हैं. उन्होंने कई विभागों में सचिव के पद पर भी अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं. वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं. यूपी की नौकरशाही में पहला मौका है जब किसी अधिकारी के कमांड में एक साथ सरकार व्हील कहे जाने वाले पद हैं. इससे यूपी ब्यूरोक्रेसी में संजय प्रसाद के कद का अंदाजा लगाया जा सकता है. जाहिर है मुख्यमंत्री को उस अधिकारी पर ही भरोसा होगा.



