यूपी के 17 जिलों में बाढ़ का कहर, गंगा-यमुना ने लिया विकराल रूप; तीन दिन बंद रहेंगे स्कूल
यूपी में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. कई जिलों में बाढ़ का कहर है, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने 20 से ज्यादा जिलों में स्कूल बंद कर दिए हैं. सरकार ने आपात स्थिति घोषित की है. प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है.

उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गंगा-यमुना नदी ने विकराल रुप ले लिया है. वाराणसी, प्रयागराज, बलिया और गाजीपुर समेत आसपास गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कई जिलों से गांव का संपर्क टूट गया है. आवाजाही पूरी तरह से ठप है. बाढ़ का पानी गांव के साथ-साथ शहरों में भी घुस गया है. सरकार पूरी तरह अलर्ट पर है.
यूपी के 17 से ज्यादा जिलों में बाढ़ का कहर है. शाहजहांपुर में गर्रा नदी और नेपाल स्थित गिरजा और बनबसा शारदा बैराज से हजारों क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने से भी तबाही मची है. इससे बाराबंकी और शाहजहांपुर के तराई क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं वाराणसी और प्रयागराज में गंगा 1978 के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. इससे देखते हुए 20 से अधिक जिलों में स्कूल को बंद किया गया है.
अगले तीन दिन इन जिलों में स्कूल रहेंगे बंद
यूपी में प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, हमीरपुर, मिर्जापुर, चंदौली, बाराबंकी, शाहजहांपुर, कानपुर, जालौन, जौनपुर, औरैया, आगरा के चंबल और बांदा में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. वहीं, प्रशासन की ओर से इन जिलों समेत आसपास के जनपद में भी सभी स्कूलों के बंद रखने का आदेश दिया गया है. प्रयागराज डीएम ने जिलें में 8 अगस्त तक स्कूल बंद कर दिए हैं.

वहीं, कानपुर में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए 5 अगस्त को शहर के सभी स्कूल बंद रहेंगे. जौनपुर में कक्षा 1 से 8 वीं तक के सभी स्कूल को बंद किया गया है. वाराणसी में 7 अगस्त तक बंद किया गया है. जबकि जालौन, गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, बाराबंकी, शाहजहांपुर और चंदौली में भी अगले 2 दिन तक सभी बोर्ड के स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं.
प्रयागराज में बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही
प्रयागराज में बाढ़ के काऱण स्थिति काफी बदतर बनी हुई है. गंगा-यमुना अपने सबसे उच्चतम यानी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. प्रयागराज में शहरों तक पानी घुस गया है. यहां के सलोरी, राजापुर, दारागंज, बघाड़ा जैसे इलाके डूब चुके हैं. गंगा के तराई वाले इलाकों में सबसे ज्यादा तबाही है. वहीं, प्रयागराज के बड़े हननमानजी का मंदिर पूरी तरह से पानी में बस गया है. अब केवल ध्वजा ही पानी के ऊपर लहराता दिख रहा है.

अब तक 7000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाल राहत शिविरों में रखा गया हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से 250 नावों और 80 सेल ज्यादा बाढ़ चौकी बनाई गई है. जबकि अभी भी बाढ़ग्रस्त इलाके में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर है. वही, बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए शहरी क्षेत्र में 18 राहत शिविर बनाए गए है.
वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे से 1 मीटर ऊपर
वहीं, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और चंदौली के आसपास के इलाकों में भी यही मंजर है. वाराणसी में गंगा नदी के जलस्तर चरम पर है. सोमवार को दोपहर 2 बजे तक गंगा का जलस्तर 72.06 मीटर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है. इसके साथ ही यह साल 1999 और 2013 के रिकॉर्ड को पार कर गई है और 1978 की ओर बढ़ रहा है. 1978 में 73.9 मीटर पार हो गया था.

जबकि गाजीपुर में गंगा से सटे लगभग सैकड़ों गांव जलमग्न हैं, लोगों के साथ पशुओं को भी इसका सामना करना पड़ रहा है. बलिया, चंदौली और शाहजहांपुर समेत यूपी के करीब 17 से ज्यादा जिलों में इस समय बाढ़ से लोग परेशान हैं. हजारों लोगों को इसके चलते पलायन करना पड़ा है. वहीं, बाढ़ से बिगड़े हालात को देखते हुए प्रशासन से लेकर सरकार तक अलर्ट मोड पर है.



