लिकर शॉप में ‘मेड इन यूपी’ वाइन रखना होगा अनिवार्य, जानिए प्रदेश में कितनी हैं वाइनरी
उत्तर प्रदेश के हर मॉडल शॉप्स में अब स्थानीय फलों से बनी वाइन रखना अनिवार्य होगा. सरकार इसको लेकर जल्द प्रस्ताव पेश करने वाली है. इससे 'मेड इन यूपी' वाइन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही राज्य के किसानों को भी लाभ होने की उम्मीद है. यूपी में कई वाइनरी अमरूद, आम, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों से वाइन बना रही हैं. जानिए ये कहां-कहां है.
उत्तर प्रदेश में अब मॉडल शॉप में स्थानीय फलों से बनी वाइन रखना अनिवार्य होने जा रहा है. सरकार जल्द ही इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव पेश कर सकती है. आबकारी विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है. सरकार के इस कदम से राज्य के सैकड़ों किसानों को भी लाभ होगा. उनके फलों को बेहतर बाजार मिलेगा. साथ ही सरकार वाइन के उत्पाद शुल्क में भी छूट देगी.
यूपी सरकार ने साल 2022 में ही आबकारी नीति में संशोधन कर ऐसे प्रावधान किए गए थे. लेकिन इसका सही तरीके से संचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ है. हालांकि, राज्य में कई वाइनरी खुली भी और फिलहाल चालू हैं जबकि कई अन्य स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं. यह वाइन इथेनॉल मिलाए बिना स्थानीय फलों से प्राकृतिक बनाने पर केंद्रित है. इन वाइनों को आम, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, आड़ू और लीची से तैयार किया जाएगा.
अगले दो महीने में इसके चालू होने की उम्मीद
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ये वाइन जल्द ही सीधे खरीद के लिए उपलब्ध होंगी. सरकार के पहल से अगले दो महीने के भीतर निर्देशित पर्यटन शुरू होने की उम्मीद है. इसके अंतर्गत हर खुदरा विक्रेताओं को इन वाइन को रखना अनिवार्य होगा. साथ ही वाइन के उत्पाद शुल्क पर भी प्रोत्साहन दिया जाएगाा. वाइन निर्माताओं और मालिकों के साथ आबकारी विभाग भी इसके लिए इच्छुक है.
प्रदेश में कहां-कहां बनती है ‘मेड इन यूपी’ वाइन?
उत्तर प्रदेश में इस समय पांच वाइनरी चालू स्थिती में है. जबकि कई और यूनिट स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं. सखनऊ, मुजफ्फरनगर, बरेली, सहारनपुर और नोएडा की वाइनरी में उत्पादन शूरू है. मुजफ्फरनगर में स्थित रेजिना (केडी ग्रीन सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड) वाइनरी ने अमरूद-आधारित वाइन से शुरुआत की थी. अब यह आम, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, आड़ू और लीची जैसे फलों का उत्पादन शुरू करने जा रही है. इसकी शुरुआती सालाना क्षमता 50,000 लीटर की है.
वहीं, लखनऊ के मलीहाबाद में मब्रोसिया नेचर लिविंग एलएलपी नाम से एक वाइनरी है. यह वाइनरी अंगूर या इथेनॉल मिलाए बिना, आम और शहतूत जैसे स्थानीय फलों से प्राकृतिक वाइन बनाने पर केंद्रित है. इसके अलावा इस वाइनरी में ‘ब्रैगॉट’ नामक एक अनोखा हाइब्रिड पेय भी बनाता है. वहीं, बरेली, सहारनपुर और नोएडा में वाइनरी है, जहां अलग-अलग फलों से वाइन बनती है.
इन फलों से तैयार किया जाएगा वाइन
इन वाइनरी से ‘मेड इन यूपी’ वाइन बाजार में योगदान देने की भी उम्मीद है. वाइन उत्पादन के लिए अलग-अलग फलों की किस्मों का उपयोग किया जाएगा. यह सीधे तौर पर स्थानीय किसानों को फायदा पहुंचाएगा. ये वाइन अमरूद, आम, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, आड़ू, लीची, शहतूत, शहद, पुदीना, केला, नाशपाती, अदरक और जामुन जैसे स्थानीय फलों से तैयार किया जाएगा.