वीडियो वायरल होते ही एक्शन में ऊर्जा मंत्री AK शर्मा, फजीहत के बाद कर्मचारी को नापा
उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें उन्हें बिजली की समस्या बताने के दौरान जय श्रीराम के नारे लगाते देखा गया था. इसको लेकर उनकी आलोचना हो रही थी. अब ऊर्जा मंत्री ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए बिजली विभाग के एक टेक्निशियन को सस्पेंड कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने अपने वायरल वीडियो के बाद बड़ी कार्रवाई की है. मंत्री एके शर्मा गुरुवार को सुलतानपुर से जौनपुर जा रहे थे, जहां सूरापुर के पास व्यापारियों के समूह ने उनके काफिले को रोका. इस दौरान उन्हें क्षेत्र में बिजली की समस्या बताया जा रहा था. लेकिन ऊर्जा मंत्री उसे नजरअंदाज कर जयकारा लगाते आगे बढ़ गए थे.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद एके शर्मा को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. वहीं, अब उन्होंने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने कादीपुर विद्युत वितरण उपखंड में टेक्निशियन उमांकर यादव को सस्पेंड कर दिया है. ऊर्जा मंत्री ने यह भी माना कि बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी अपने काम में गैरजिम्मेदार है और शासन की मंशानुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं.
सपा-कांग्रेस के शासनकाल पर भी ली चुटकी
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने एक्स पर भी इसको लेकर जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा कि, सुल्तानपुर जिले के सूरापुर (बिजेथुआ हनुमान धाम) क्षेत्र से गुजरते हुए ध्यान में आया कि अन्य जिलों के साथ सुल्तानपुर जिले में बरसात कम पड़ने के कारण कृषि और घरेलू लोड बढ़ा है. विभाग द्वारा उसे पूरा करने का प्रयास निरंतर जारी है. लेकिन कुछ कर्मचारी शासन की इस भावना और मंशानुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बिजली कटौती पर चुटकी ली. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा के शासनकाल में बिजली कभी आती थी, तो सुखद घटना मानी जाती थी और समाचार बनता था. अब 24 घंटे में कभी-कभी स्थानिक कारणों से बिजली जाती है तो अप्रिय मसला और समाचार बनता है. और उसमें भी व्यवस्था से ज़्यादा किसी न किसी बबूल रूपी कर्मचारी की वजह से ही जनता को परेशानी होती है.
लापरवाही को लेकर टेक्निशियन निलंबित
इस मामले में कादीपुर बिजली विभाग के मेवपुर फीडर के मैनेजर उमांकर यादव पर गाज गिरा है. उन्हें अपने दायित्वों को निभाने में लापरवाही बरतने को लेकर निलंबित किया गय़ा है. जारी ज्ञापन के अनुसार, उमांकर यादव पर आरोप है कि उन्होंने उनके रहते फीडर के टर्नअप में 9.48 प्रतिशत और कलैक्शन में 15 फीसदी राजस्व में कमी दर्ज की गई है. साथ ही उन्हें उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना में दोषी पाया गया है.