धर्मांतरण, हिंसा और अंतरराष्ट्रीय साजिश का काला खेल; सामने आई छांगुर बाबा की ‘स्पेशल 50 टास्क फोर्स’

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण के सरगना छांगुर बाबा की 50 सदस्यीय टास्क फोर्स का खुलासा हुआ है. यह टास्क फोर्स छांगुर बाबा के इशारों पर नाचती थी. इसी टास्क फोर्स के दम पर छांगुर बाबा ने ना केवल धर्मांतरण का खेल रचा, बल्कि उसने 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की. यूपी एटीएस की जांच में अंतर्राष्ट्रीय साजिश का भी खुलासा हुआ है.

छांगुर बाबा का बंगला Image Credit:

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण रैकेट के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कहानी किसी माफिया डॉन की स्क्रिप्ट से कम नहीं है. कभी सड़कों पर घूमकर अंगूठी और नग बेचने वाला यह शातिर बदमाश देखते ही देखते ना केवल 100 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति का मालिक बन गया, बल्कि उसने अपने काले साम्राज्य को संचालित करने के लिए 50 से अधिक युवकों की एक विशेष टास्क फोर्स भी बना ली थी. उसकी यह ‘स्पेशल 50 टास्क फोर्स’ उसके इशारों पर नाचती थी.

पुलिस की जांच में पता चला कि इस टास्क फोर्स में शामिल युवा छांगुर बाबा के कहने पर धर्मांतरण तो कराते ही थे, स्थानीय स्तर पर भय, दबाव और हिंसा का माहौल भी बनाते थे. यूपी एटीएस अब इस टास्क फोर्स की जड़ों को खंगालने में जुट गई है. इसमें शामिल सभी लोगों की डिटेल खंगाली जा रही है. इनपुट यह भी है कि यह टास्क फोर्स भी छांगुर बाबा के अंतरराष्ट्रीय एजेंडे का हिस्सा है.

काले साम्राज्य का गढ़ थी कोठी

काले साम्राज्य का गढ़ बलरामपुर के मधपुर गांव में छांगुर बाबा की आलीशान कोठी थी. छांगुर बाबा ने इस कोठी को इस प्रकार से बनवाया था कि यह किसी किले से कम नहीं थी. तीन बीघे में फैली इस कोठी में 60-70 कमरे, सीसीटीवी निगरानी, प्राइवेट पावर प्लांट, सोलर पैनल और विदेशी नस्ल के घोड़ों के अलावा कुत्तों और जर्सी गायों के लिए मार्बल से सजा ‘वीआईपी’ अस्तबल तक मौजूद था. यही वह जगह थी जहां छांगुर बाबा अपनी ‘स्पेशल 50 टास्क फोर्स’ को रखता था. इन युवकों के लिए कोठी में अलग-अलग कमरे, खाना-पीना, कपड़े और हर जरूरत की चीजें बाबा द्वारा मुहैया कराई जाती थीं.

कोठी में किया जाता था ब्रेनवॉश

यह कोठी छांगुर बाबा के काले साम्राज्य का मुख्य अड्डा थी, जहां वह धर्मांतरण का नेटवर्क संचालित करता था. जांच में पता चला कि कोठी का एक हिस्सा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था, जिसे प्रशासन ने 8-9 बुलडोजरों की मदद से तीन दिन तक चले अभियान में जमींदोज कर दिया. आरोप है कि इसी कोठी में युवकों का ब्रेनवॉश कर उन्हें टास्क फोर्स का हिस्सा बनाया गया था. उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी और बताया गया था कि बाबा का फरमान ही उनका मकसद है.

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