अब केवल यूपी में बनी EV की खरीद पर मिलेगी सब्सिडी, उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला; जानें और क्या है नया

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. अब केवल प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों को ही सब्सिडी मिलेगी. इससे राज्य में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना बढ़ेगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी. यह नीति 14 अक्टूबर 2025 से लागू हो सकती है. इससे पहले की नीति के तहत अब तक लगभग 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है.

सरकार की नई ईवी पॉलिसी Image Credit:

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. प्रस्तावित नीति में केवल प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही सब्सिडी मिलेगी. इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगा. इसके बाद संभवत: 14 अक्तूबर 2025 से यह नीति उत्तर प्रदेश में लागू हो जाएगी. 14 अक्टूबर को ही साल 2022 में ईवी पॉलिसी शुरू हुई थी. सकार की इस नीति से प्रदेश में संचालित इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को बल मिलेगा.

इससे रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलने की भी संभावना है. इसी सोच के तहत सरकार ने इस नए नियम पर काम शुरू किया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ईवी की बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साल 2022 में नई ईवी नीति को लागू किया था. इस नीति के तहत दोपहिया, चार पहिया, ई-बस और ई-गुड्स कैरियर वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है. अभी भी 38,285 सब्सिडी के आवेदन लंबित हैं.

तीन साल 60 करोड़ सब्सिडी

इस नीति के तहत अब तक 17,665 वाहन मालिकों को उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. इस साल अप्रैल महीने से ही अब तक 40 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. यही नहीं, ईवी खरीद पर शत-प्रतिशत टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जा रही है. जिन खरीदारों ने यह शुल्क पहले जमा कर दिया है, सरकार की ओर से उन्हें पूरी रकम रिफंड की जा रही है.

कितनी मिलती है सब्सिडी?

दो पहिया ईवी: 5,000 रुपये प्रति वाहन
चार पहिया ईवी: 1,00,000 रुपये प्रति वाहन
ई-बस: 20,00,000 रुपये प्रति बस
ई-गुड्स कैरियर: 1,00,000 रुपये प्रति वाहन

नई नीति से क्या होगा फायदा?

परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के अनुसार यूपी में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने से कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बड़ी कंपनियां प्रदेश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करेंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा और आर्थिक विकास को बल मिलेगा. यह नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन का हब भी बनाएगी.