मंत्री की डांट का असर! बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत, बनाई गई नई स्ट्रैटेजी
बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है. 1912 पर पड़ी शिकायतों की भरमार के लिए नई स्ट्रैटेजी बनाई गई है, जिसमें एसडीओ से लकर एमडी की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है. सभी शिकायतों को ऑनलाइन निगरानी में रखा जाएगा.

उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. ऊर्जा विभाग की ओर से टोल-फ्री नंबर 1912 पर दर्ज होने वाली शिकायतों के निपटारे के लिए नई स्ट्रैटेजी अपनाई गई है. इस नई व्यवस्था में उपकेंद्र प्रभारी (एसडीओ) से लेकर प्रबंध निदेशक (एमडी) तक की जवाबदेही तय की गई है. सॉफ्टवेयर में व्यापक बदलाव के साथ केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम और पीएनआर जैसी ट्रैकिंग सुविधा शुरू की जा रही है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब ऊर्जा विभाग में मंत्री और प्रमुख सचिव के बीच कथित विवादों की चर्चा तेज है.
ऊर्जा विभाग ने 1912 कॉल सेंटर को और प्रभावी बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस नया सॉफ्टवेयर मॉडल विकसित किया है. इस सिस्टम में हर कॉल का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिसमें कॉल ड्रॉप का विवरण भी शामिल होगा. शिकायत दर्ज होने पर यह तुरंत एसडीओ को भेजी जाएगी. यदि शिकायत उनके स्तर पर हल नहीं होती, तो यह स्वतः अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता और फिर प्रबंध निदेशक तक पहुंचेगी. सभी स्तरों पर शिकायतों की ऑनलाइन निगरानी होगी और देरी होने पर संबंधित अधिकारी को कारण बताना होगा. कॉल सेंटर कर्मी की ओर से अभद्रता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी.
पीएनआर जैसी ट्रैकिंग और केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम
पॉवर कॉर्पोरेशन के निदेशक (आईटी) सरोजित घोष ने बताया कि शिकायतकर्ता को उनके मोबाइल पर पीएनआर जैसा यूनिक कोड मिलेगा, जिससे वे अपनी शिकायत की प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे. यह सिस्टम यह भी दिखाएगा कि शिकायत पर किस अधिकारी ने क्या कार्रवाई की? साथ ही, अब तक निगम-वार संचालित 1912 कॉल सेंटर को केंद्रीयकृत किया जा रहा है. लखनऊ और नोएडा में कंट्रोल रूम स्थापित होंगे, जहां से पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सभी शिकायतों की निगरानी कर सकेंगे.
शिकायतों की भरमार
1 अप्रैल 2022 से 27 जुलाई 2025 तक की अवधि में कुल 1,78,85,512 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 63,668 अभी भी लंबित हैं. डिस्कॉम-वार आंकड़े इस प्रकार हैं. दक्षिणी हिस्से से 35,87,688 शिकायतें, 12,659 लंबित
मध्यांचल, 71,15,345 शिकायतें, 15,888 लंबित, पूर्वांचल: 29,31,565 शिकायतें, 16,083 लंबित हैं. पश्चिमी हिस्से 38,02,240 शिकायतें, 10,090 लंबित हैं. वहीं केस्को से 4,48,674 शिकायतें, 8,948 लंबित शिकायतें लंबित हैं.
मुआवजे के लिए ओटीपी व्यवस्था 1912 पर शिकायतें निस्तारित न होने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा देने का प्रावधान है. इसके लिए ओटीपी आधारित व्यवस्था लागू करने की योजना है, ताकि बिना निस्तारण के भ्रामक संदेश न भेजे जाएं. नियामक आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन को तीन महीने में इसकी योजना तैयार करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हो सका है. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस देरी पर चिंता जताई है.
विवादों के बीच सुधार की पहल
ऊर्जा विभाग में हाल के दिनों में मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और प्रमुख सचिव के बीच कथित तनाव की खबरें सुर्खियों में रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, नीतिगत मुद्दों और प्रशासनिक फैसलों को लेकर दोनों के बीच मतभेद उभरे हैं. इसके बावजूद, यह नया सॉफ्टवेयर मॉडल और केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम की पहल उपभोक्ताओं के लिए राहत का सबब बन सकती है. ऊर्जा मंत्री ने पहले भी ‘ऊर्जा शक्ति’ योजना के तहत शिकायत निस्तारण को प्राथमिकता देने की बात कही थी और यह नया मॉडल उनकी उपभोक्ता-हितैषी नीतियों का हिस्सा माना जा रहा है.



