किसी का हनीमून छूटा, कईंयों की शादियां टली… ध्वस्तीकरण के बीच दालमंडी के कुंवारों का छलका दर्द!
वाराणसी की दालमंडी में ध्वस्तीकरण के चलते कई शादियां टल गई हैं. अनेक कुंवारों के सपने टूट गए हैं, जिनका विवाह नवंबर में होना था. कुछ शादी के बाद हनीमून के लिए जाने वाले थे, लेकिन तैयारियां धरी रह गई हैं. युवकों का कहना है 'अब दालमंडी के सेटल्ड होने पर ही वो भी सेटल्ड होंगे'.
वाराणसी के होलसेल मार्केट दालमंडी में चौड़ीकरण का काम तेज है. शनिवार को भी ध्वस्तीकरण का काम जारी रहा. सत्तार मार्केट, जिसमें 24 दुकानें थीं, उसे तोड़ दिया गया. मालिक से रजिस्ट्रेशन लेने के बाद PWD ने मार्केट को तोड़ दिया. इस बीच, दालमंडी के उन कुंवारों का दर्द छलक आया, जिनकी शादियां तोड़-फोड़ की वजह से टल गई हैं.
ध्वस्तीकरण के बीच दालमंडी में दर्जन भर शादियां लोगों ने टाल दी हैं, जो नवंबर में होनी थी. कई हनीमून के लिए जाने वाले थे. वहीं, कईंयों की शादी की तैयारियां धरी रह गई हैं. यह ध्वस्तीकरण सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि उनके वैवाहिक जीवन की उम्मीदों को भी तोड़ रहा है, जिससे वे गहरे सदमे में हैं. युवकों ने कहा, ‘अब दालमंडी के सेटल्ड होने पर ही वो भी सेटल्ड होंगे’.
शादी का उत्साह ध्वस्तीकरण के भेंट चढ़ा
आर्टिफिशयल ज्वेलरी का काम करने वाले आमिर की शादी जून में दालमंडी के ही एक परिवार में तय हुई थी. नवंबर में शादी होनी थी लेकिन ध्वस्तीकरण की वजह से शादी टाल दी गई. आमिर ने बताया कि शादी करने का उत्साह ध्वस्तीकरण के भेंट चढ़ गया. हमारा तो आधा दुकान फिर भी बच जाएगा लेकिन ससुराल पक्ष का दुकान और मकान दोनों जा रहा है.
आमिर ने बताया कि उसने होने वाली पत्नी से कहा था शादी के बाद हनीमून के लिए कश्मीर जाएंगे. लेकिन ऐसा लग रहा है कि आस अधूरी रह जाएगी. ऐसी ही कहानी 26 साल के हमजा इलाही की है. हमजा, दालमंडी में फैंसी बैंगल्स की दुकान चलाते हैं. मई में उनकी शादी लंका में तय हुई थी. उनकी शादी 24 नवंबर को थी, लेकिन वो भी अब टल गई है.
‘दालमंडी नही बल्कि हमारे सपने टूट रहे हैं’
हमजा इलाही का दालमंडी में 1200 स्क्वायर फीट में मकान है, उसमें 14 दुकाने हैं. चौड़ीकरण में उनका आधा मकान और छह-सात दुकाने जाएंगी. हमजा ने बताया कि पिछले तीन महीने से वो अपनी शादी की तैयारी कर रहे थे. कैंट में उन्होंने शादी के लिए लॉन देख रखे थे. सरोजा पैलेस और उमा लॉन में से एक को फाइनल करना था.
उन्होंने शादी के लिए घर में एक अलग कमरा भी तैयार करा लिया था. होने वाली पत्नी की पसंद का कलर, बेड, टीवी, मिरर और साज-सज्जा का सामान भी सजा लिया था. होने वाली पत्नी के कहने पर ही बालकनी के आगे थोड़ा स्पेस छोड़ा था. हमजा दुखी मन से कहते हैं कि शादी को लेकर क्या-क्या सपने देखे थे. ये दालमंडी नहीं बल्कि हमारे सपने टूट रहे हैं.
