ये प्रशासन की खुली गुंडई… दालमंडी में एक साथ 13 शॉप ध्वस्त हुईं तो भड़क उठे दुकानदार

दालमंडी में लक्ष्मी कटरा भवन की 13 दुकानों को एक साथ ध्वस्त कर दिया गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई पर दुकानदारों में भारी नाराजगी है. उनका कहना है कि ये प्रशासन की खुली गुंडई है,प्रशासन ने ना तो हमें सामान निकालने की मोहलत दी और ना ही हमारे वकील की नोटिस रिसीव की.हम सब मजबूर हैं और अब हमें समझ में नही आ रहा कि क्या करें.

दालमंडी में 13 दुकानें एक साथ ध्वस्त

वाराणसी में दालमंडी के चौड़ीकरण को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने दालमंडी इलाके की 13 दुकानों को एक साथ ध्वस्त कर दिया है. मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही. ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस और लोगों में हल्की नोकझोंक भी हुई.

दालमंडी में लक्ष्मी कटरा भवन का ध्वस्तीकरण हैमर और ड्रिल मशीन के माध्यम से शाम 6 बजे से शुरू किया गया. इसमें मोबाइल एसेसरीज की 13 दुकानें थीं. जानकारी के मुताबिक 13 दुकानों और एक भवन का मुआवजा एक करोड़ दस लाख दिया गया है. ये मुआवजा पीयूष ओझा और उनके तीन हिस्सेदारों को दिया गया.

दुकानदारों का आरोप सामान हटाने की भी नहीं मिली मोहलत

ध्वस्तीकरण के दौरान स्थानीय लोग काफी नाराज नजर आएं. यहां एके वॉच के नाम से साल 1958 से ही दुकान चलाने वाले हुसैन अली ने कहा कि ये प्रशासन की खुली गुंडई है, प्रशासन ने ना तो मोहलत दी और ना ही हमारे वकील की नोटिस रिसीव की. हम सब मजबूर हैं और समझ में नही आ रहा कि अब क्या करें.

वहीं, लक्ष्मी कटरा भवन में मोबाइल एसेसरिज़ की दुकान चलाने वाले मोहम्मद शोएब बताया कि उनसे इस दुकान के लिए 35 लाख रूपये लिए हैं. अब प्रशासन और मकान मालिक के बीच क्या तय हुआ है मुझे नही मालूम. हमें सामान निकालने के लिए चंद घंटों की मोहलत तक नहीं दी गई.

प्रशासन और मकान मालिक के बीच पिस रहे हैं दुकानदार

कार्रवाई से डरे और घबराए हुए दूसरे दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन और मकान मालिक के बीच हम परेशान हो रहे हैं. हमने इन दुकानों के लिए मकान मालिक को ठीक-ठाक पैसे दिए हैं, लेकिन हमें तो कुछ नहीं मिल रहा है. बता दें कि दालमंडी में 29 अक्टूबर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई, लेकिन उसके बाद कार्रवाई में गैप रखा गया. 8 नवंबर को चौरसिया पान भंडार के बाद 9 नवंबर को लक्ष्मी कटरा पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई.