कृपया राजनीति ना करें… छितौना में क्यों लगे ऐसे पोस्टर, प्रदर्शन पर अड़ी क्षत्रिय महासभा

बनारस के छतौना गांव में हुए ज़मीनी विवाद ने जातिगत बवाल का रूप ले लिया है. ठाकुर और राजभर समुदायों के बीच बढ़ते तनाव के कारण क्षत्रिय महासभा प्रदर्शन करने पर अड़ी है. जबकि प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगा दी है. सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर राजनीति से दूर रहने की अपील कर रहे हैं.

छितौना गांव में लगे पोस्टर Image Credit:

वाराणसी में एक तरफ ठाकुर बनाम राजभर का नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ वाराणसी प्रशासन किसी हाल में ऐसा नहीं होने देना चाहती. इसके लिए प्रशासन ने छितौना में किसी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. बावजूद इसके क्षत्रिय महासभा ने किसी हाल में शांति पूर्ण प्रदर्शन पर अड़ी है. उधर, दूसरी ओर छितौना में लगे कुछ पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. इन पोस्टर्स पर लिखा है कि कृपया यहां राजनीति ना करें.

बताया जा रहा है कि यह पोस्टर छितौना के स्थानीय लोगों ने लगाया है. ऐसे हालात में वाराणसी के चौबेपुर थानांतर्गत छितौना गांव में राजनैतिक दलों और जातीय संगठनों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है. इससे ना केवल छितौना, बल्कि पूरे बनारस में सामाजिक सौहार्द खतरे में पड़ गया है. बीते 5 जुलाई को दो पड़ोसियों के बीच मार-पीट की घटना के बाद शुरू हुए इस बवाल ने पहले राजनैतिक रंग लिया और अब जातीय संगठन इस आग में घी डालने की कोशिश में जुटे हैं.

अरविंद राजभर ने दिया था आपत्तिजनक बयान

आधा बिस्वा जमीन पर बांस के झुरमुट का ये झगड़ा ठाकुर बनाम राजभर के संघर्ष का रूप ले लिया है. इस मामले में दस से ज़्यादा लोगों के ख़िलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है. आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हैं. बावजूद इसके, विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. बीते शनिवार को सुभासपा नेता अरविन्द राजभर बड़े तामझाम के साथ छितौना गांव पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने करणी सेना और जाति विशेष के ख़िलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. यही नहीं, वहां पर दूसरे पक्ष के घर पर चढ़कर आपत्तिजनक नारे लगाएं.

चार घंटे बैठक के बाद भी नहीं बनी बात

इसके विरोध में राजपूत संगठन ने भी मंगलवार को बड़ा प्रोटेस्ट का आह्वान किया है. हालांकि प्रशासन ने करणी सेना और क्षत्रिय महासभा को दो टूक कह दिया कि किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था नही बिगड़ने दी जाएगी. करीब चार घंटे तक करणी सेना और क्षत्रिय महासभा के साथ प्रशासन की बैठक चलती रही. करणी सेना ने इस शर्त पर प्रोटेस्ट को 48 घंटे के लिए टाल दिया है कि करणी सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के ख़िलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा.

गांव में लगे पोस्टर

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ये हमारी साख का सवाल है. कहा कि अब वह हर हाल में प्रोटेस्ट करेंगे. ऐसे में प्रशासन ने भी इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. इस बीच गांव में लगे तरह तरह के पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल होने लगे हैं. इन पोस्टर्स में राजनैतिक और जातीय संगठनों को गांव में राजनीति नहीं करने की सलाह दी गई है.